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स्वीडन के जज्बे को सलाम


स्वीडन के जज्बे को सलाम
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मुंबई की स्वीडन डिसूजा उस समय चर्चा में आई थी जब इसके लिए इंदौर से धड़कता हुआ दिल मात्र ढाई घंटे में मुंबई लाया गया था और उसी दिल को हार्ट ट्रांसप्लांट के जरिये स्विडल को लगाया गया। लेकिन अब यही स्वीडन फिर से चर्चा में आ गई है। स्वीडन ने 12वीं में 63.38 प्रतिशत मार्क लाकर एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है।

स्वीडन को हार्टट्रांसप्लांट के बाद 8 महीने तक कही भी घुमने पर पाबंदी थी इसी वजह से वह स्कूल भी नहीं जा पाई। 16 साल की स्वीडन को डिलाटेड कार्डियोमायोपैथी नाम की बीमारी थी जिसके लिए उसे एक स्वस्थ दिल की जरूरत थी।

यह मेरे लिए गर्व की बात है। बीमारी के बाद और 8 महीने घर पर रहने के बाद भी स्वीडन ने इतना अंक लाकर 12वीं पास किया। उसने हमारी अपेक्षा से अधिक अंक लाया।  - एंथोनी डिसूजा, स्वीडन के पिता

स्वीडन का परिवार विक्रोली में रहता है। अब स्वीडन बीएमएस की पढ़ाई करना चाहती है।


मुझे बीएमएस करना है, मुझे मेरे परिवार की आर्थिक मदद करना है। मैंने अभी कंप्यूटर क्लास ज्वाइन किया है। मैं एक आम लोगों की तरफ जीवन जी रही हूँ। - स्वीडन डिसूजा


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