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प्राइवेट बसों को स्कूलों से करना पड़ेगा एग्रीमेंट


प्राइवेट बसों को स्कूलों से करना पड़ेगा एग्रीमेंट
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हाईकोर्ट के द्वारा दिए गये एक नए नियम के मुताबिक़ अब स्कूल बस, रिक्शा, टैक्सी और वैन भी स्कूलों के बच्चों को ढोने का काम करेंगे। प्राइवेट स्कूलों बसों को स्कूलों से अग्रीमेंट किए बिना मंजूरी नहीं मिलेगी, एग्रीमेंट करने के बाद ही बसों को मंजूरी मिलेगी। यह नियम इसी साल से लागू होंगे।

2011 में पीटीए (पैरेंट्स टीचर एसोसिएशन) युनायटेड फोरम ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी जिसके अनुसार स्कूलों में स्कूली बसों को नियमित करने संबंधी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। इस याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि बसों को स्कूलों में एग्रीमेंट करना अनिवार्य होगा। अगर जिन बसों का स्कूलों में एग्रीमेंट नहीं हुआ होगा वे बसें बच्चों को नहीं ले आ और ले जा सकती। कोर्ट ने इस मामले में परिवहन विभाग को भी ध्यान देने का निर्देश दिया था।

स्कूली बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए 2011 में पैरेंट्स टीचर एसोसिएशन (PTA) का गठन किया गया था। इसमें तैयार किए गए नियमावली के मुताबिक जिन स्कूलों की बसों में प्रशिक्षित ड्राईवर हैं उन्हें 5 साल का गाड़ी चलाने का अनुभव अनिवार्य होने, परिवहन संबंधी नियमों में कोई भी दंड न भरने, लाइसेंस होने, केवल स्कूली बसों को चलाने का अनुभव होना आनिवार्य होना चाहिए। यही नहीं बसों के लिए भी नियम बनाए गए थे जैसे बस 15 साल पुरानी नहीं होना चाहिए, बसों में सुरक्षा संबंधी मापदंड होना आवश्यक होना चाहिए, बसों में आपातकालीन खिड़की होना चाहिए, क्षमता से अधिक बच्चों को न बैठाने, अग्निशमन यंत्र होना आवश्यक होना चाहिए।


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