महाराष्ट्र के स्कूलों और कॉलेजों में भगवद् गीता बांटे जाने के मामले पर महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने सफाई देते हुए कहा है कांग्रेस, एनसीपी और समजवादी पार्टी झूठा प्रचार कर रही हैं। उन्हें यह घोषणा करनी चाहिए कि भगवत गीता खराब है और आवंटित नहीं किया जाना चाहिए। अगर कुछ दिन बाद कुरान और बाइबिल के बांटे जाने की भी मांग होगी तो हम उसे जरूर बाटेंगे।
आजमी ने बोला हमला
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने NAC के ए और ए प्लस स्कूल में श्रीमदभगवत गीता बांटने का सर्कुलर जारी किया है। इसके बाद इस सर्कुलर के विरोध में महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार केवल गीता की क्यों बंटवा रही हैं, कुरान और बाइबल भी बंटवा दे।'
आजमी ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार द्वारा धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहती हैं।
तावड़े ने दी सफाई
तो वहीं विनोद तावड़े स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि भिवंडी स्थित भक्ति वेदांत नामकी एक ट्रस्ट ने कॉलेजों में गीता बांटने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद हमारी तरफ से उन्हें एक कॉलेजों की लिस्ट उपलब्ध करा दी गयी। उन्होंने आगे कह अगर कुछ दिन बाद कुरान और बाइबिल के बांटे जाने की भी मांग होगी तो हम उसे जरूर बाटेंगे।
एनसीपी भी विरोध में
भगवद गीता बांटने का निर्णय सरकार ने कैसे लिया? इसका क्या मतलब है? स्कूलों में बच्चों को ठीक से नहीं पढ़ाया जा रहा है, मुंबई विश्वविद्यालय ठीक से काम नहीं करता है। जब महाराष्ट्र में शिक्षा में कमी आती है तो सरकार जानबूझकर इन विवादास्पद चीजों पर बहस करती है। सरकारों को शिक्षा का भगवाकरण करने की बजाय शिक्षा क्षेत्र में सुधार करना चाहिए। हम भगवद् गीता के खिलाफ नहीं हैं लेकिन कॉलेज में इसे बांटने की कोई आवश्यकता नहीं थी। शिक्षा मंत्री विनोद तावडे को खबरों में बने रहने का प्रयास अब बंद करना चाहिए।
– जयंत पाटील, विधायक एनसीपी प्रदेशाध्यक्ष