9 अगस्त 2018 को जारी एक परिपत्रक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी की युजीसी ने प्रमुख विश्वविद्यालयों में एमबीए, एमसीए, बीएड और एम.एड जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों के लॉन्ग डिस्टेंस कोर्स की पहचान की है। इसके साथ ही यूजीसी ने इन लॉग्न डिस्टेन्स को अमानय मान्य लिया है। यूजीसी द्वारा जारी 35 केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों की सूची में इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी या इग्नू और मुंबई विश्वविद्यालय के दूरस्थ ओपन लर्निंग IDOL भी शामिल है।
30 दिन का दिया समय
यूजीसी ने इस लिस्ट में किसी भी तरह का सुधार करने के लिए और स्पष्टीकरण जमा करने के लिए विश्वविद्यालयों को 30 दिनों की समय सीमा दी है। यूजीसी ने फैसला किया है कि जो विश्वविद्यालय पिछले पांच वर्षों से नियमित मोड में समान पाठ्यक्रम चला रहे हैं उन्हे अनुमति नही दी जाएगी, विश्वविद्यालयों को दूसरी मोड में पेशेवर पाठ्यक्रम की पेशकश करनी होगी। जिन पाठ्यक्रमों की पहचान की गई है उनमे एमबीए, एमसीए, बीएड, होटल प्रबंधन और पर्यटन शामिल हैं।
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80 हजार छात्र
मुंबई विश्वविद्यालय ने उन छात्रों के लिए एक दूरस्थ और खुली शैक्षणिक संस्था, यानी आइडल की स्थापना की है, जो कुछ कारणों से नियमित शिक्षा नहीं ले सकते हैं, या फिर कुछ लोगों को नौकरी के साथ साथ पढ़ाई का मौका दिया जाए। इस संस्थान में कई स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और 80 हजार से अधिक छात्रों को हर साल प्रवेश मिलता है।
आदित्य ठाकरे ने भी उठाया मुद्दा
शिवसेना नेता और युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए केंद्रिय शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से अनुरोध किया है की मुंबई विश्वविद्यालय के IDOl कोर्स के छात्रों के भविष्य के ध्यान में रखते हुए इस फैसले को वापस लेना चाहिए।
मी @PrakashJavdekar जींना विनंती करतो की त्यांनी UGC चा निर्णय रद्द करून मुंबई विद्यापीठाचा IDOL विभाग बंद करू नये. UGC चा हा अन्यायकारक, चुकीच्या निर्णयामुळे कित्येक विद्यार्थ्यांचे वर्ष फुकट जाईल.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) August 12, 2018