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5 से 20 जुलाई के बीच स्कूल न जाने वाले बच्चों के लिए 'मिशन जीरो ड्रॉपआउट'

5 जुलाई से 20 जुलाई 2022 तक बड़े पैमाने पर 'मिशन जीरो ड्रॉपआउट' को लागू करने की मंजूरी दी है

5 से 20 जुलाई के बीच स्कूल न जाने वाले बच्चों के लिए 'मिशन जीरो ड्रॉपआउट'
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स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़( Varsha gaikwad) ने बताया कि सरकार ने स्कूल न जाने वाले बच्चों का पता लगाने के लिए 5 जुलाई से 20 जुलाई 2022 तक बड़े पैमाने पर 'मिशन जीरो ड्रॉपआउट' (mission zero dropout)  को लागू करने की मंजूरी दी है। स्कूल छोड़ने और स्कूल छोड़ने की दर को शून्य करने के लिए। इस संबंध में आज आदेश जारी कर दिया गया है।

नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू

राज्य में नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया गया है। इस अधिनियम के तहत, 6 से 14 वर्ष की आयु के बीच का प्रत्येक बच्चा स्कूल बोर्ड में पंजीकृत होने, नियमित स्कूल जाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का हकदार है।

मिशन जीरो ड्रॉपआउट को राजस्व, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, सामाजिक न्याय और विशेष सहायता, महिला एवं बाल विकास, श्रम, आदिवासी विकास, अल्पसंख्यक विकास और सार्वजनिक स्वास्थ्य और गृह के अधिकारियों की भागीदारी से लागू किया जाएगा।

मिशन जीरो ड्रॉपआउट के लिए प्रक्रियाएं

मिशन जीरो ड्रापआउट में बच्चों की खोज करते हुए ग्राम पंचायत/नगर परिषद/नगरपालिका के जन्म एवं मृत्यु अभिलेखों का अभिलेख, परिवार सर्वेक्षण, अस्थाई प्रवासी परिवारों के बच्चों, स्कूल से बाहर, अनियमित बच्चों की जानकारी को शिक्षा की मुख्य धारा में लाया जायेगा।

यह अभियान वस्ती, वाड़ी, गांव, वार्ड स्तर पर पूरा किया जाएगा। अतः शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक/माध्यमिक)/जिला कार्यक्रम अधिकारी (महिला एवं बाल विकास), बाल विकास परियोजना अधिकारी (ग्रामीण एवं शहरी) द्वारा ग्राम, केन्द्र, बीट, संभाग एवं विद्यालय स्तर के अनुसार नियोजन किया जायेगा।

निर्णय में कहा गया कि इस अभियान में प्रशासन द्वारा इस बात का ध्यान रखा जाए कि कोई भी स्कूल से बाहर/प्रवासी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।

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