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ई-लर्निंग को लेकर ट्विटर पर छिड़ा युद्ध, चिंतित हैं पेरेंट्स

Several parents took to Twitter demanding education for their children as several states banned the online learning of young students.

ई-लर्निंग को लेकर ट्विटर पर छिड़ा युद्ध, चिंतित हैं पेरेंट्स
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कोरोना वायरस के बढ़ते केसेस के चलते पिछले 90 दिनों से देशभर में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है। जिस वजह से स्कूलों में ताला लगा हुआ है। अब ऐसे में पेरेंट्स को अपने बच्चों के पढ़ाई की चिंता सताने लगी है। कई राज्यों ने बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेस की अनुमति दे दी है लेकिन महाराष्ट्र में प्री-प्राइमरी से दूसरी क्लास तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेस लेने पर बैन लगा दिया गया है। जिसके चलते पेरेंट्स परेशान हैं। हालांकि  स्कूलों को शैक्षिक सामग्री पेरेंट्स को भेजने के लिए कहा गया है। अपनी समस्या का हल निकालने के लिए इन पेरेंट्स ने ट्विटर का सहारा लिया। ट्विटर पर #RightToLearn हैशटैग से पेरेंट्स अपनी बात रख रहे हैं।

कई लोगों ने तर्क दिया है कि छोटे बच्चों के लिए ई-लर्निंग  हानिकारक हो सकती है क्योंकि लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठने से बच्चे के दिमाग पर इसका बुरा असर हो सकता है। वहीं कइयों का मानना है कि अधिक दिन तक बच्चों को अगर पढ़ाई से दूर रखा जाएगा तो इस से बच्चे के विकास में बाधा आ सकती है।

बता दें कि मुंबई में कई शिक्षण संस्थानों ने पहले ही ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी हैं जो शिक्षकों द्वारा आयोजित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पहले ही शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत एसओपी को मंजूरी दे दी थी। जिसके अनुसार, विभाग ने कहा था कि दूसरी क्लास तक के छात्रों के लिए कोई ऑनलाइन कक्षाएं संचालित नहीं की जाएंगी। इसके साथ ही, स्कूलों को जुलाई में COVID-19 मुक्त क्षेत्रों में फिर से शुरू किया जाएगा

हालांकि, कोरोनावायरस की संक्रामक प्रकृति के कारण  पेरेंट्स अपने बच्चों को फिर से स्कूल भेजने में संकोच कर सकते हैं। इसलिए, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सभी राज्यों में लॉकडाउन की अवधि के बाद शिक्षण संस्थान फिर से शुरू होने पर स्कूल अपने छात्रों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल को कैसे बनाए रखते हैं।

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