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अंधकारमय बच्चों का भविष्य


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कांदीवली - मंदिर में पढ़ाई कर रहे ये छात्र शिकार है स्कूल प्रशासन और प्रशासनिक व्यवस्था के। कभी बैंच पर बैठकर पढाई करनेवाले ये छात्र मजबूर है मंदिर में पढ़ने के लिए। कोर्ट ने एक एसआरए मामले कांदिवली के भाबरेकर नगर मे स्थित सरोजिनीदेवी विद्यालय की स्कूल इमारत को अवैध करार दिया। जिसके बाद बीएमसी ने इस स्कूल को छात्रों के सामने ही तोड़ दिया।
प्रिसंपल का कहना है की इस स्कूल को 2009 में सरकार द्वारा मान्यता दी गई थी। अब एसे में सवाल उठाता है की जब ये स्कूल ही गैरकानूनी था तो इसे सरकार ने मान्यता कैसे दी?तो वही दुसरी तरफ अब स्कूल में पढ़नेवाले छात्रों के परिवार वालों का कहना है अब उन्हे कुछ समझ नहीं आ रहा की वह अपने बच्चों को आगे कैसे पढ़ाए।
 गलती चाहे स्कूल की हो या फिर सरकारी प्रशासन की लेकिन अब इन बच्चों और उनके परिवार वालों के सामने उनके भविष्य को लेकर अक बड़ा सवाल पैदा हो गया है।
 

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