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प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचा रहे अभिनेता सोनू सूद ने सहायता के लिए टोल फ्री नंबर किया जारी

सोनू का कहना है कि जब तक हम अंतिम यात्री, एक एक मजदूर को उनके घर तक नहीं पहुंचा देंगे तक काम को जारी रखेंगे।

प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचा रहे अभिनेता सोनू सूद ने सहायता के लिए टोल फ्री नंबर किया जारी
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कोरोना वायरस यानी Covid-19 के कारण देश भर में लॉकडाउन (lockdown) लगा हुआ है। इस लॉकडाउन में जहां कई बड़े बड़े लोग अपने घरों में कैद हैं तो वहीं अभिनेता सोनू सूद (sonu sood) इंसानियत की सेवा के रूप में प्रवासी मजदूरों के लिए किसी भगवान की तरह बनकर सामने आए हैं। सोनू सूद मुंबई सहित आसपास के इलाकों में फंसे असंख्य मजदूरो को सही सलामत उनके घर पहुंचाने का काम कर रहे हैं। सोनू सूद की टीम ने अब तक 1,200 से अधिक श्रमिकों को उनके गृहनगर पहुँचा चुके हैं।

सोनू का कहना है कि जब तक हम अंतिम यात्री, एक एक मजदूर को उनके घर तक नहीं पहुंचा देंगे तक काम को जारी रखेंगे।

सोनू सूद संबंधित राज्य सरकार की अनुमति से मुंबई और उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक या किसी अन्य राज्य में फंसे प्रवासियों को उनके घर ले जाने के लिए काम कर रहे हैं।  इसके लिए सोनू सूद ने एक टोल फ्री नंबर जारी किया है।  सोनू सूद ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

सोनू ने ट्वीट कर कहा कि, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, अगर आप मुंबई में हैं और अपने घर जाना चाहते हैं।  तो, कृपया हमसे इस टोल फ्री नंबर 18001213711 पर संपर्क करें।  आपके पास कितने लोग हैं, आप कहां हैं और आप कहां जाना चाहते हैं, इस बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करें।  मेरी टीम आपकी किसी भी तरह से मदद करेगी।

सोनू सूद के इस काम की हर तरफ प्रशंसा हो रही है। बॉलीवुड के सिंघम अजय देवगन ने भी सोनू के काम की तारीफ की है।

सोशल मीडिया में तो सोनू सूद छाए हुए हैं। कोई उन्हें रियल लाइफ का असली हीरो बता रहा है तो कोई भगवान। यही नहीं बिहार में लोग उनका मंदिर भी बनाने की बात कर रहे हैं। कई लोगों ने सोनू के इस काम की तारीफ करते हुए उन्हें सहायता रूप में धनराशि देने की भी पेशकश की, लेकिन सोनू ने उदारता के साथ पैसे लेने से मना कर दिया।

हालांकि कई ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने सोनू के इस काम को पब्लिसिटी स्टंट बताया। लेकिन सोनू ने उन्हें जवाब देते हुए कहा, "मुझे किसी प्रचार की आवश्यकता नहीं है। मैं श्रमिकों की मदद कर रहा हूं। ये वही कार्यकर्ता हैं जिनके पास फिलहाल कोई काम नहीं है। कई माता-पिता अपने छोटे बच्चों के साथ सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा कर रहे हैं और मैं उसी दर्द को कम करने की कोशिश कर रहा हूं।

उन्होंने आगे कहा,' मैंने कभी किसी मीडियाकर्मी को नहीं बुलाया। मुझे कई मीडियाकर्मियों के संदेश मिलते हैं कि जब आप लेबर बस भेजते हैं तो आप हमें फोन कीजिये। लेकिन मैं ऐसे किसी प्रचार जाल में नहीं पड़ता हूं। हर दिन सैकड़ों कॉल और मैसेज घर पर आ रहे हैं।  चूंकि मैं इसे अकेले इस काम को नहीं संभाल सकता, मैंने एक टीम बनाई है और यह वही लोग संभाल रहे हैं।'

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