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तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के पप्पी यानी दीपक का आज बर्थडे हैः जाने उनसे जुड़ी खास बातें!


तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के पप्पी यानी दीपक का आज बर्थडे हैः जाने उनसे जुड़ी खास बातें!
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हमारी बॉलीवुड इंडस्ट्री में कुछ ऐसे एक्टर हैं जिन्हें हम नाम से तो नहीं पर उनके काम से जरूर जानते हैं। कई बार इनके द्वारा फिल्म में प्ले किया गया कैरेक्टर हमारे दिमाग में इस कदर घर कर जाता है कि हम उन्हें उस कैरेक्टर वाले फिल्मी नाम से ही जानने लगते हैं। उन्ही में से एक हैं पप्पी, आपने तनु वेड्स मनु रिटर्न्स दो देखी ही होगी, उसमें जो पप्पी हैं वहीं हैं दीपक डोबरियाल। हाल ही में ये इरफान खान के साथ फिल्म हिंदी मीडियम में नजर आए थे। जब ये दोनों स्क्रीन पर सामने आए तो थियेटर में सीटियां बजने लग गई थी। दीपक डोबरियाल का आज जन्म दिन है। दीपक डोबरियाल से हमने कुछ मुद्दों पर बात की है तो चलों शॉर्ट में जानते हैं उन्होंने किस मुद्दे पर क्या कहा।

कई बार सेलेब्रिटी अपने फैन्स से तंग हो जाते है। तंग होने की आज के समय में सबसे बड़ी वजह है सेल्फी। जी हां अब ऑटोग्राफ का जमाना तो गया। बस सेलेब्रिटी को देख अपना फोन में अच्छा सा सेल्फी ऐप खोज कर टूट पड़ते हैं सेल्फी लेने के लिए। हाल ही में शाहरुख खान और विद्दा बालन इस मुसीबत से जूझी हैं। इस पर दीपक डोबरियाल का कहना है, मुझे सेल्फी लेने वालों से कोई दिक्कत नहीं है, मैं अपने साथ बॉडीगार्ड भी नहीं रखता हूं। दिल्ली, पंजाब में लोग मुझसे लिपट जाते हैं और सेल्फी लेते हैं। उनके प्यार की मैं बहुत कद्र करता हूं।


हिंदी में बोलने की अपील

पूछे गए सवाल कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में कितनी हिंदी बोली जाती है, इस पर दीपक ने कहा, 90 फीसदी लोग हिंदी में ही बात करते हैं, पर डायरेक्टर और प्रोड्यूशर को मजबूरी में अंग्रेजी में बात करनी पड़ती है। टेक्निकल डिपार्टमेंट भी अंग्रेजी में बात करता है। हालांकि उन्हें हिंदी का भी ज्ञान होता है। पर मेरी राइटर्स से रिक्वेस्ट है कि वे हिन्दी में बोलें।


भाषा फीलिंग पर भारी

अंग्रेजी भाषा पर दीपक ने कहा, कई बार लोगों के साथ ऐसा होता है कि वे किसी से बात करना चाहते हैं पर अंग्रेजी ना आने की वजह से खुद को रोक लेते हैं। इस तरह से भाषा ने फीलिंग को दूर कर रखा है। हालांकि मुझे इससे ज्यादा कुछ दिक्कत नहीं है, क्योंकि मैं हिन्दी में सोचता हूं और हिंदी फिल्में करता हूं। थोड़ी बहुत तो मुझे भी अंग्रेजी की समझ है पर जब मसला गंभीर होता है तो मैं ट्रांसलेटर बुला लेता हूं।


जब थियेटर तो सिर्फ थियेटर

मैंने अपने करियर की शुरुआत हिन्दी थियेटर से की थी, और सात साल तक थियेटर किया। पर अब सिर्फ फिल्में ही करनी है, क्योंकि थियेटर में पैसा नहीं है और फिल्मों में अच्छा खासा पैसा मिलता है।


आगामी प्रोजेक्ट्स

कालाकांडी 

लखनऊ सेंट्रल

हम और हमारे पाठक पप्पी को, नहीं नहीं दीपक डोबरियाल को जन्म दिन की शुभ कामनाएं। तुम जियो हजारों साल, साल के दिन हों कई हजार।  

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