Advertisement

OTT कंटेंट को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइंस

ओटीटी कंटेंट की सेंसरशिप के बारे में सरकार फ़िलहाल नही सोच रही है।

OTT कंटेंट को लेकर  सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने  जारी की गाइडलाइंस
SHARES

ओटीटी  (OTT) कंटेंट को लेकर बढ़ती शिकायतों  को देखते हुए केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कुछ गाइडलाइंस जारी की है। जिनका पालन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को करना होगा।  ओटीटी कंटेंट की सेंसरशिप के बारे में सरकार फ़िलहाल नही सोच रही है।   हालांकि कंटेंट पर प्लेटफॉर्म्स को स्व-नियमन (Self regularisation) करना होगा। 

गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash javdekar)  ने ओटीटी कंटेंट को लेकर बनायी गाइडलाइंस की जानकारी दी।  प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि" प्रिंट  वालों को प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया के कोड का पालन करना पड़ता है। टीवी में काम करने वालों को प्रोग्राम कोड का पालन करना होता है, लेकिन डिजिटल मीडिया (digital media)  पोर्टल पर ऐसा कोई बंधन नहीं है। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए भी ऐसी कोई रोक नहीं है। सभी मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए समान नियम होने चाहिए। सभी को एक प्रक्रिया बनानी होगी।


ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर दोनों सदन में 50 प्रश्न पूछे गये। बीजेपी  सांसद मनोज कोटक (Manoj kotak) देश के पहले सांसद है जिन्होंने ओटीटी कंटेंट का  मुद्दा उठाया था। साथ ही OTT प्लेटफार्म पर सेंसरशिप और रेगुलेटरी बॉडी लाकर उसे कंट्रोल करने की मांग की थी।  इस संदर्भ में सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखा और उनसे मुलाकात भी की थी।

मनोज कोटक ने कहा था "OTT प्लेटफार्म पर जो प्रोग्राम टेलीकास्ट किये जाते है  उनमे  सेक्स, वॉइलैंस, ड्रग्स और अश्लीलता का जमकर उपयोग किया जाता है, कई बार तो हिन्दू भावनाओ  को भी आहत किया जाता है"

संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें