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‘द विन्डो’ थोड़ा अलग पर मजबूत कहानी के साथ रिलीज को तैयार!


‘द विन्डो’ थोड़ा अलग पर मजबूत कहानी के साथ रिलीज को तैयार!
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देखा गया है जब फिल्में दिल से बनाई जाती हैं, तो बॉक्स ऑफिस पर उसका अंजाम चाहे जो भी हो, लेकिन दर्शकों के दिलों दिमाग पर वो फिल्में सदियो तक अपनी छाप छोड़ जाती हैं। गुरुदत्त साहब की 'प्यासा' का शायर हो, या 'कागज के फूल' का डायरेक्टर, शैलेन्द्र की 'तीसरी कसम' का बैलगाड़ी वाला हो या राज कपूर की 'मेरा नाम जोकर' का राजू जोकर ये किरदार दशकों बाद भी जिंदा हैं। ये इसलिए जिंदा हैं क्योंकि इन्हें बनाते हुए बॉक्स आफिस पर होने वाले नफे नुकसान की चिंता नहीं की गई।

'द विंडो' फिल्म की प्रोड्यूसर नुपूर श्रीवास्तव का कहना है, दरअसल एक फिल्म मेकर किसी सर्कस कंपनी का मालिक नहीं होता, जिसे बस किसी तरह मनोरंज करके पैसा कमाने से मतलब हो, वो एक स्टोरी ट्रेलर होता है, जो अपने दर्शकों को नई नई कहानियां सुनाना चाहता है। यही कारण है की अगर किसी फिल्म की कहानी पुरानी या घिसी पिटी भी हो, तो उसका अंदाज-ए-बयां बदलकर, उसे नए रूप मे पेश किया जाता है। एक फिल्म मेकर के तौर पर मुझे हर तरफ की कहानियां दर्शकों के बीच ले जाना पसंद है। मैं कभी आर्ट मूवी मेकर या कमर्शियल मूवी मेकर की इमेज में बंधना नहीं चाहूंगी। अगर हमारी फिल्म 'द विंडो' की बात की जाए तो उसकी कहानी मुझे इतनी पसंद आई कि मुझे लगा कि ये कहानी दर्शकों तक जरूर जानी चाहिए। मैं जानती हूं, ये मशाला फिल्म नहीं है, लेकिन खुशी की बात ये है कि आज भी दर्शकों का बड़ा तबका ऐसा है, जो कुछ नई कहानियां देखना चाहता है।

फिल्म के निर्देशक  वी. के. चौधरी हैं जो इस फिल्म के लेखक भी हैं। उन्होंने एक लेखक की कहानी लिखी है और मुख्य कलाकार अमित वशिष्ट ने निभाया है। उनके निर्देशन में उस लेखक के किरदार को अपने शानदार अभिनय से जीवंत करने का काम किया है।

'द विंडो ' 10 नवंबर को पूरे देश भर में रिलीज होने जा रही है। फिल्म की प्रोड्यूसर नूपुर श्रीवास्तव का कहना है कि वो फिल्म के ट्रेलर को देखकर आ रहे रिव्यू से काफी उत्साहित  हैं, और उन्हें भी अब 10 नवंबर का इंतजार काफी बेसब्री से है।

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