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लोककला बचाने और संरक्षण का कार्य किया जाए- विनोद तावड़े


लोककला बचाने और संरक्षण का कार्य किया जाए- विनोद तावड़े
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प्रभादेवी -महाराष्ट्र की सांस्कृतिक परिचय किसी सी छुपी नहीं है। भारतीय संस्कृतिकयों में से महाराष्ट्र संस्कृति का अपना एक अलग ही महत्व है। इस कला को बचाने की जवाबदारी हमारे सरकार की है। ऐसा कहना है राज्य के मंत्री विनोद तावड़े का। तावडे ने कहा की राज्य सरकार ने इस लोक कला को बचाने के लिए अब तक 65 प्रतिशत तक कार्य पुर्ण कर लिया है। लोककला का महत्व हमे जनता को समझाना होगा। राज्य सरकार के सांस्कृतिक कार्य विभाग की ओर से हर साल की तरह इस साल भी 2016 का राज्य सांस्कृतिक पुरस्कार वितरण समारोह किया गया।

शनिवारी प्रभादेवी के रविंद्र नाट्यमंदिर में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर ऑस्कर समारोह में चार चांद लगानेवाले मुंबई के कलिना के रहनेवाले सनी पवार को भी विनोद तावड़े ने सम्मानित किया।

सन 2016-17 के राज्य सांस्कतिक पुसस्कार के विजेता
किशोर नांदलस्कर, नाटक
पं. उपेंद्र भट, वोकल्स
पं. रमेश कानोले , उपशास्त्रीय संगीत
भालचंद्र कुलकर्णी, मराठी सिनेमा
पांडुरंग जाधव, कीर्तन
मधुकर बांते, तमाशा
शाहीरी इंद्रायणी आत्माराम पाटील (लोकगीत)
सुखदेव साठे (नृत्य)
भागुजी प्रधान (लोककला)
सोनू ढवलु म्हसे (आदिवासी गिरीजन)
प्रभाकर भावे (कलादान)

केंद्रीय संगीत नाटक एकेडमी पुरस्कार विजेताओ के नाम
मनोज जोशी (अभिनय)
हिमानी शिवपूरी (अभिनय)
प्रदीप मुल्ये (प्रायोगिक नाट्यकला)
छाया खुटेगावकर लावणी
माया खुटेगावकर लावणी
शफाअत खान (नाट्यलेखन)

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