BMC ने गोरेगांव पूर्व स्थित फिल्म सिटी में 95 पेड़ों को काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट से तत्काल अनुमति मांगी है। न्यायालय ने सैद्धांतिक रूप से अनुमति दे दी है, लेकिन अंतिम निर्णय अभी बाकी है।
कीमतों में वृद्धि की अनुमति
गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड परियोजना के लिए सुरंग खोदने वाली मशीन के प्रक्षेपण स्थल पर काम शुरू करने के लिए यह आवश्यक है। सूत्रों का यह भी कहना है कि और देरी से लागत बढ़ सकती है क्योंकि अनुबंध में समय सीमा से अधिक होने पर कीमतों में वृद्धि की अनुमति है।
अगली सुनवाई 12 अगस्त को है। पीठ में मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन शामिल हैं। उन्होंने कहा है कि मालिक की अनुमति के बिना कोई भी पेड़ नहीं काटा जा सकता। वृक्ष प्राधिकरण ने कहा है कि सड़क सुरंग सतह पर हरित आवरण को बचाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार
सुप्रीम कोर्ट ने पहले आदेश दिया था कि उसकी अनुमति के बिना कोई भी पेड़ नहीं काटा जाना चाहिए। यह आदेश आरे और मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की वाहन शेड परियोजना से संबंधित था। लेकिन पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बीएमसी को जीएमएलआर सुरंग परियोजना के लिए 19.43 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग की अनुमति दे दी है।
कुल लागत लगभग 14,000 करोड़ रुपये
जीएमएलआर परियोजना गोरेगांव स्थित वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे को मुलुंड स्थित ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ेगी। इसकी कुल लंबाई 12.2 किमी है। इससे यात्रा का समय 75 मिनट से घटकर 25 मिनट रह जाएगा। यह परियोजना चार चरणों में विभाजित है और इसकी कुल लागत लगभग 14,000 करोड़ रुपये है।
ये दोनों सुरंगें अक्टूबर 2028 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है।
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