बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने पूरे मुंबई में 250 उन्नत वायु प्रदूषण माप सेंसर स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। इन्हें बीएमसी के अधिकार क्षेत्र के तहत सभी 24 वार्डों में वितरित किया जाएगा। (Mumbai To Get 250 Advanced Air Pollution Sensors For Enhanced Monitoring)
मुंबई में वायु प्रदूषण कई जगहों से होता है। सबसे महत्वपूर्ण योगदानकर्ताओं में से एक चल रही निर्माण परियोजनाओं से निकलने वाली धूल है। नए सेंसर वाहन उत्सर्जन और जलती हुई सामग्री सहित विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करेंगे।
वर्तमान में, मुंबई में 29 वायु प्रदूषण मॉनिटर हैं, जिनमें से 24 'एएसएआर' द्वारा और पांच बीएमसी द्वारा स्थापित किए गए हैं। नई योजना का लक्ष्य इस संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि करना है, जिससे शहर की वायु गुणवत्ता का अधिक सटीक माप उपलब्ध कराया जा सके।
बीएमसी आईआईटी कानपुर के साथ साझेदारी कर रही है, जो ऐसे उपकरण बनाने में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। यह सहयोग पटना, बिहार में इसी तरह के उपकरणों की सफल तैनाती का अनुसरण करता है।
मुंबई में बिगड़ती वायु गुणवत्ता ने उच्च न्यायालय और केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया है, जिससे बीएमसी की निष्क्रियता की आलोचना हो रही है। जवाब में, बीएमसी ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अक्टूबर में 27-सूत्रीय योजना जारी की। इस योजना में शहर में चल रही 5,000 निर्माण परियोजनाओं से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय शामिल हैं। बीएमसी के दिशानिर्देश पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए निर्माण प्रक्रियाओं पर प्रतिबंध लगाते हैं।
इन प्रयासों के बावजूद, वायु प्रदूषण मॉनिटरों के कार्यान्वयन में चुनौतियाँ आई हैं। साइटों का दौरा करने वाले बीएमसी अधिकारियों ने पाया कि उपकरण सही ढंग से स्थापित नहीं किए गए थे, और स्थानीय मुद्दे उच्च प्रदूषण रीडिंग में योगदान दे रहे थे।
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