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विश्व पर्यावरण दिवस, विकास के अंधे घोड़े पर सवार इंसान


विश्व पर्यावरण दिवस, विकास के अंधे घोड़े पर सवार इंसान
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हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस बार भी 5 जून 2017 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस मौके पर गूगल ने एक डूडल भी तैयार किया। इस डूडल को गूगल ने अपने होम पेज पर लगाया है। जैसे ही गूगल डॉट कॉम खोलेंगे तो तुरंत गूगल एक नए अंदाज में लिखा हुआ आएगा। गूगल पूरी तरह से हरें रंग में लिखा हुआ आ रहा है। इसके साथ ही गूगल का ‘l’ (एल) को ऐसे डिजाइन किया गया है कि उसमें से पेड़ की पत्तियां निकलती दिखाई दे रही हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया है कि प्रकृति से जुडना खुद से जुड़ना है। प्रकृति को महसूस करने और उसमें आ रहे बदलावों को देखने के लिए हम सभी को प्रकृति के करीब जाना होगा। यही वजह है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र ने पर्यावरण दिवस 2017 के लिए ‘कनेक्टिंग पीपल टू नेचर’ थीम रखी है। यूएन एनवायरनमेंट हर साल पर्यावरण दिवस के लिए एक थीम निर्धारित करता है। इस साल लोगों को प्रकृति से जोड़ने का लक्ष्‍य रखा गया है। वहीं 5 जून को एक वार्षि‍क आयोजन भी होता है। जो इस वर्ष कनाडा में होगा।

जब दुनिया में पर्यावरण प्रदूषण की समस्‍या बढ़ने लगी और संसाधनों के असमान वितरण के बावजूद सभी देशों पर इसका बुरा असर पड़ने लगा तो इन पर्यावरणीय समस्याओं को सुलझाने के लिए वैश्विक मंच तैयार किया गया। इसे देखते हुए पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर सन 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में दुनिया के सभी देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था। अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण चेतना और पर्यावरण आंदोलन की शुरुआत इसी सम्मेलन से मानी जाती है। इसमें 119 देशों ने भाग लिया और सभी ने एक ही धरती के सिद्धांत को मान्‍य करते हुए दस्तखत किए। इसके अगले साल यानि 5 जून 1973 से सभी देशों में विश्‍व पर्यावरण दिवस मनाया जाने लगा।

चला वसुंधरेला सुंदर बनवू !

वर्तमान में प्रदूषण विकराल रूप ले चुका है. पूरे विश्‍व का पर्यावरण इस समय खतरे में है. ग्‍लोबल वार्मिंग के बढ़ते स्‍तर के साथ ही भौगोलिक और पर्यावरणीय असंतुलन पैदा हो गया है. इन हालातों पर काबू नहीं पाया गया तो गंभीर परिणाम होंगे. यही कारण है कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण की समस्‍याओं को मानवीय चेहरा प्रदान करने के साथ ही लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना था। साथ ही विभिन्न देशों, उद्योगों, संस्थाओं और व्यक्तियों की साझेदारी को बढ़ावा देना ताकि सभी देश, समुदाय और सभी पीढ़ियां सुरक्षित और उत्पादनशील पर्यावरण का आनंद उठा सकें।


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