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वाहनों के हॉर्न की अब जगह बजेंगे शास्त्रीय वाद्य यंत्र की मधुर ध्वनि

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक समारोह में कहा कि मंत्रालय जल्द ही इस संबंध में एक अध्यादेश जारी करेगा।

वाहनों के हॉर्न की अब जगह बजेंगे शास्त्रीय वाद्य यंत्र की मधुर ध्वनि
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अब आपको वाहनों के हॉर्न की कर्कश आवाज की जगह भारतीय मधुर संगीत वाद्ययंत्र की ध्वनि सुनाई दे सकती है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय इस बाबत कार्य कर रहा है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक समारोह में कहा कि मंत्रालय जल्द ही इस संबंध में एक अध्यादेश जारी करेगा।

हॉर्न की जगह भारतीय वाद्य जैसे तबला, हारमोनियम, तानपुरा, बांसुरी की धुन सहित भारतीय वाद्ययंत्र सुने जा सकते हैं। तो यात्रा करते समय अब आपको भीड़ में तेज आवाज सुनने के बिना मधुर संगीत सुननें को मिलेंगे।

देश में ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है और कई लोग जोर-जोर से हॉर्न बजाते रहते हैं, लोग बिना वजह हॉर्न बजाकर वाहन चालकों का ध्यान भटकाते हैं। लापरवाही से हॉर्न बजाने से भी दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ता है।

कुछ दिन पहले नितिन गडकरी ने अपने मंत्रालय के सचिवों को अध्यादेश जारी करने का निर्देश दिया था। जिसके तहत वाहनों में जल्द ही हॉर्न की जगह भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों के इस्तेमाल करने की बात कही गयी है।

कई लोग मोदी सरकार की वाहनों को कबाड़ करने की नीति से नाखुश हैं। जिसके मद्देनजर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि पुराने वाहनों को स्क्रैप करना क्यों आवश्यक था? गडकरी ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक ग्राफिक्स शेयर किया है। इसने पुराने वाहनों द्वारा उत्पन्न खतरों का सरल रूप से विवरण दिया गया है।

स्क्रैप वाहनों की नीति की घोषणा के बाद केंद्र सरकार पर्यावरण के अनुकूल वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। फेम-1 योजना की सफलता के बाद केंद्र ने 10,000 करोड़ रुपये की फेम-2 योजना लागू की है।

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