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समुद्र में बह कर जाने वाले गंदे पानी पर लगे रोक, वन शक्ति संगठन ने एनजीटी से लगाई गुहार


समुद्र में बह कर जाने वाले गंदे पानी पर लगे रोक, वन शक्ति संगठन ने एनजीटी से लगाई गुहार
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मुंबई में गटर और नालों में बहते हुए गंदे पानी से समंदर का पानी भी प्रदूषित हो रहा है, इसके विरोध में वन शक्ति संगठन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) से हस्तक्षेप करने की मांग की है वन शक्ति संगठन का कहना है कि मुंबई में हर दिन लाखो लीटर गटर और नालों का गंदा पानी समंदर में बह कर जाता है और उससे समंदर भी प्रदूषित हो रहा है इसे रोकने की जिम्मेदारी बीएमसी और मैंग्रोव्ज विभाग की है लेकिन इसे रोकने में दोनों नाकाम साबित हो रहे है




रोके जाएं गंदा पानी 

वन शक्ति प्रकल्प के संचालक स्टालिन दयानंद ने मुंबई लाइव से बात करते हुए बताया कि मुंबई महानगर प्रदेश (MMR)में जितने भी छोटे बड़े नाले और गटर हैं उनमे बहने वाला गंदा पानी बह कर सीधे समुद्र में जाता है। बीएमसी सहित मैंग्रोव्ज विभाग की यह जिम्मेदारी है कि वे जाले लगाकर नालों में बहने वाले प्लास्टिक सहित अन्य कचरे को बहकर समुद्र में जाने से रोके और उन्हें साफ़ करे. लेकिन यह होता नहीं दिख रहा है


दो हफ्ते में दें जवाब-कोर्ट

इस मामले में एनजीटी ने सुनवाई में MMR, बीएमसी, मैंग्रोव्ज विभाग और नगर विकास विभाग से जवाब माँगा है और उन अपना जवाब दो हफ्ते में पेश करने को कहा है


समुद्र में बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर 

आपको बता दें कि मुंबई में हर दिन 2416 लीटर गंदा पानी नालों और गटर में आता है जिसमें से 49 फीसदी पानी को प्रोसेस कर उसमें से कचरा निकाला जाता है और 51 फीसदी पानी वैसे ही बह कर समुद्र में मिल जाता है इससे समुद्र में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। वनशक्ति ने मांग की है कि इस गंदे पानी को भी प्रोसेस किया जाना चाहिए साथ ही समुद्र से जुड़े हर नालों और गटर में जाली लगाने का काम करना चाहिए।





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