बुधवार से लोक आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व छठ पूजा (chhath puja) शुरू हो गया है। महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय अनुष्ठान हुआ। आज गुरुवार को खरना है, आज व्रती दिनभर उपवास रखेंगे। सूर्यास्त के बाद भगवान की पूजा-अर्चना की जाएगी, इसके बाद खीर, रोटी, केला आदि नेवेद स्वरूप अर्पित किया जायेगा। साथ ही सबकी मंगलकामना की प्रार्थना के साथ व्रती प्रसाद ग्रहण करेंगी। छठ पूजा बुधवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया है।
इसके पहले कोरोना (Covid19) को देखते हुए प्रशासन ने सार्वजनिक जलाशयों पर एकत्रित होकर छठ पूजा करने पर रोक लगाई है। जिसे देखते हुए बुधवार को यानी नहाय खाय के दिन अधिकतर व्रतियों ने घरों पर ही स्नान कर पूजा अर्चना की और सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया। इसके बाद व्रतियों ने स्नान ध्यान के बाद कद्दू, भात और दाल आदि तैयार कर भगवान को अर्पित किया और सबकी मंगल कामना के लिए प्रार्थना की और कद्दू-भात ग्रहण किया। नहाय खाय के दिन कद्दू भात का प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही अनुष्ठान संपन्न हो जाता है।
गुरुवार को खरना है, खरना अनुष्ठान संपन्न होने के बाद उनका 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जायेगा। शुक्रवार को अस्ताचलगामी और शनिवार को उदयाचलगामी सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व समाप्त हो जायेगा।