नवी मुंबई नगर निगम (NMMC) ने गणेशोत्सव (Ganesh festival) को लेकर नियम जारी किए हैं। नियमानुसार सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों को गणेशोत्सव मंडप की स्थापना के लिए ऑनलाइन ई-सर्विस कम्प्यूटर सिस्टम के माध्यम से 31 अगस्त तक आवेदन करना होगा। गणेश मंडलों को निर्देश दिया गया है कि किसी को भी नियमानुसार भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
गणेशोत्सव के नियम
- सार्वजनिक गणेशोत्सव के लिए मंडलों को गणेशोत्सव के लिए निगम या स्थानीय प्रशासन की पूर्व अनुमति लेनी होगी।
- कोरोना को ध्यान में रखते हुए नगर निगम और संबंधित स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार मंडप बनाया जाए।
- त्योहार के लिए दान स्वेच्छा से स्वीकार किया जाना चाहिए, मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
- घरेलू और सार्वजनिक गणपति को सजाते समय फिजूलखर्ची से बचें।
- सार्वजनिक क्षेत्र की गणेश प्रतिमाओं के लिए 4 फीट और घरेलू गणेश प्रतिमाओं के लिए 2 फीट की सीमा।
- इस वर्ष घर में पारंपरिक गणेश प्रतिमाओं के स्थान पर धातु या संगमरमर पर ऐसी मूर्तियों की पूजा करनी चाहिए।
- अगर मूर्ति मिट्टी की हो या पर्यावरण के अनुकूल हो तो उसे घर में ही विसर्जित कर देना चाहिए।
- विसर्जन घर में नहीं हो सकता है तो विसर्जन पास में बने कृत्रिम विसर्जन स्थल पर करना चाहिए।
- विज्ञापन प्रदर्शन के कारण भीड़ न लगे इसका ध्यान रखा जाए।
- स्वास्थ्य संबंधी और सामाजिक संदेशों वाले विज्ञापनों को प्रदर्शित करने को प्राथमिकता दी जाए।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जगह स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों या रक्तदान जैसे शिविरों के आयोजन को प्राथमिकता दी जाए। ऐसे कार्यक्रमों से कोरोना, मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों के बारे में जागरूकता पैदा करनी चाहिए।
- गणेशोत्सव के दौरान राज्य द्वारा लगाए गए कोरोना प्रतिबंधों में ढील नहीं दी जाएगी। आरती, भजन, कीर्तन या अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भीड़ न लगे। साथ ही ध्वनि प्रदूषण से संबंधित नियमों का पालन किया जाना चाहिए।
- श्रीगणेश के दर्शन ऑनलाइन, केबल नेटवर्क, वेबसाइट या फेसबुक के माध्यम से उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।
- गणपति मंडपों में नसबंदी और थर्मल स्क्रीनिंग की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। श्रद्धालुओं की शारीरिक दूरी के साथ ही स्वच्छता के नियमों (मास्क, सेनेटाइजर आदि) के पालन पर विशेष ध्यान दिया जाए।
- आगमन या विसर्जन जुलूस नहीं निकालना चाहिए। विसर्जन की पारंपरिक विधि में विसर्जन के स्थान पर की जाने वाली आरती घर पर ही करनी चाहिए और विसर्जन के स्थान को कुछ देर के लिए रोक देना चाहिए।
- बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षा के लिए विसर्जन स्थल पर जाने से बचना चाहिए। साथ ही घर की सभी गणेश प्रतिमाओं का पूरी चाली और भवन में विसर्जन करने से बचना चाहिए।
- गणेश प्रतिमा के विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाबों का निर्माण नगर निगम, विभिन्न बोर्ड, हाउसिंग सोसाइटियों, जनप्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों आदि के सहयोग से किया जाए।
- कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकारी राहत, पुनर्वास, स्वास्थ्य, पर्यावरण, चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ-साथ संबंधित नगर निगम, पुलिस, स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. साथ ही, यदि इस परिपत्र के बाद और वास्तविक उत्सव के प्रारंभ के बीच की अवधि में कोई और सुझाव प्रकाशित होते हैं, तो उनका भी अनुपालन किया जाना चाहिए।
- मंडप निर्माण की अनुमति के लिए आवेदन पत्र उपरोक्त निगम के संबंधित विभागीय कार्यालय में वेबसाइट http://www.rtsnmmconline.com पर ऑनलाइन जमा किया जाना चाहिए।
- बिना लिखित अनुमति के किसी भी प्रकार का टेंट नहीं लगाना चाहिए।
- गणेशोत्सव प्रारंभ होने के 10 दिन पूर्व विभाग कार्यालय में कोई अनुमति आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा अथवा मण्डप निर्माण की अनुमति प्रदान की जायेगी।
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