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Chhath puja : छठ पूजा का तीसरा दिन, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर की जाएगी पूजा


Chhath puja : छठ पूजा का तीसरा दिन, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर की जाएगी पूजा
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आज यानी शुक्रवार 20 नवंबर को छठ पूजा (chhath puja) का तीसरा दिन है। इस दिन को संध्या अर्घ्य भी कहा जाता है, क्योंकि व्रती आज शाम को सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। इसके बाद अगले दिन यानी कि 21 नवंबर शनिवार को उगते सूर्य शुरू को प्रात:कालीन अर्घ्‍य (Morning Arghya) देने के साथ छठ पर्व का समापन हो जाता है।

संध्या अर्घ्य देने के लिए शाम के समय सूप में बांस की टोकरी में ठेकुआ, चावल के लड्डू और कुछ फल लिए जाते हैं। पूजा का सूप सजाया जाता है। लोटे में जल एवं दूध भरकर इसी से सूर्यदेव को संध्या अर्घ्य दिया जाता है। इसके साथ ही सूप की सामग्री के साथ भक्त छठी मैया की भी पूजा अर्चना करते हैं। रात में छठी माई के भजन गाये जाते हैं और व्रत कथा का श्रवण किया जाता है।

पूजा की विधि विधान

शुक्रवार शाम को सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनका पूजन जाएगा। पूजा के दौरान प्रसाद औऱ फल टोकरी और सूप में रखे जाते हैं। पूजा की कड़ी में अर्घ्य देने से पहले बांस की टोकरी को फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू और पूजा के सामान से सजाया जाता है। सूर्यास्त से कुछ समय पहले सूर्य देव की पूजा होती है फिर डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा की जाती है। इसके पूजा पूरी होती है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य षष्ठी यानी कि छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के वक्त सूर्यदेव अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं। इसीलिए संध्या अर्घ्य देने से प्रत्यूषा को अर्घ्य प्राप्त होता है. प्रत्यूषा को अर्घ्य देने से लाभ मिलता है। मान्यता यह भी है कि संध्या अर्घ्य देने और सूर्य की पूजा अर्चना करने से जीवन में तेज बना रहता है और यश, धन , वैभव की प्राप्ति होती है।

आपको बता दें कि मुंबई में प्रशासन ने सार्वजनिक जलाशयों पर एकत्र होकर छठ पूजा मनाने पर रोक लगा दी है।

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