कोरोना(Corona virus) की पृष्ठभूमि पर, राज्य सरकार के गृह विभाग ने इस साल मुस्लिम समाज(Muslim) के मुहर्रम muharram) को मनाने के लिए दिशानिर्देश(Guidelines) जारी किए हैं। कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अन्य त्योहारों की तरह एक सरल तरीके से मोहर्रम का पालन करने का निर्णय लिया गया है। मातम जुलूसों की अनुमति नहीं है क्योंकि कोरोना सभी धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा गया है।
सरकार ने जारी किये निर्देश
मोहर्रम के लिए सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, मोहर्रम, कोरोना अवधि के दौरान आयोजित अन्य धार्मिक समारोहों की तरह, अपने घर में भी मनाया जाना चाहिए। सरकार के नियमों का सख्ती से पालन करते हुए निजी शोक घर पर भी होना चाहिए। समाज में नागरिकों को संयुक्त मातम जुलूस नहीं निकालना चाहिए।
वाज़ / मजलिस - इन कार्यक्रमों को सरकार के नियमों का पालन करते हुए ऑनलाइन आयोजित किया जाना चाहिए।
ताजिया/आलम- ताजिया/आलम निकालने की इजाजत नहीं , ताजिया/आलम घर या फिर घर के पास शांत तरिके से बैठकर ही विसर्जित करें
सबील / छबील - सबील / छबील के लिए स्थानीय प्रशासन की अनुमति मांगी जानी चाहिए। उस स्थान पर दो से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं होने चाहिए।पानी को बंद बोतलों में ही वितरित किया जाना चाहिए। सबिल की जगह को साफ रखना चाहिए और सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए।
किसी भी कार्यक्रम में चार से अधिक व्यक्तियों को अनुमति नहीं दी जाएगी। इस दिन रक्तदान शिविर, प्लाज्मा शिविर, स्वास्थ्य शिविर जैसी गतिविधियों को लागू किया जाना चाहिए और इन गतिविधियों में स्वच्छता के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए।कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए, सरकारी सहायता और पुनर्वास, स्वास्थ्य, पर्यावरण, चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ-साथ संबंधित नगर पालिकाओं, पुलिस, स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, यदि कोई भी निर्देश इस परिपत्र के बाद और मोहर्रम की शुरुआत के बीच की अवधि में प्रकाशित किया जाता है, तो उन्हें भी अनुपालन किया जाना चाहिए।
यह भी पढ़े- स्वच्छ सर्वेक्षण में नवी मुंबई देश में तीसरे स्थान पर है