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मुंबई: फर्जी टीकाकरण के तार ठाणे से भी जुड़े, नकली डोज देकर कई लोगों को लूटा

जिन लोगों ने मुंबई (Mumbai) के हीरानंदानी सोसायटी में फर्जी कैंप का आयोजन कर लोगों को ठगा था वही लोगों ने ठाणे (Thane) में भी फर्जी कैंप का आयोजन कर कई लोगों से उगाही की थी।

मुंबई: फर्जी टीकाकरण के तार ठाणे से भी जुड़े, नकली डोज देकर कई लोगों को लूटा
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मुंबई में फर्जी कोरोना टीकाकरण (fake vaccination in mumbai) मामले की जैसे जैसे जांच आगे बढ़ रही है आये दिन एक से एक चौकानें वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच में अब एक चौकानें वाला खुलासा यह हुआ है कि जिन लोगों ने मुंबई (Mumbai) के हीरानंदानी सोसायटी में फर्जी कैंप का आयोजन कर लोगों को ठगा था वही लोगों ने ठाणे (Thane) में भी फर्जी कैंप का आयोजन कर कई लोगों से उगाही की थी। इस संबंध में नौपाड़ा थाने में पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

पता चला है कि इस गिरोह ने 116 लोगों को फर्जी टीका लगाकर सभी लोगों से 1 लाख 16 हजार रुपये की उगाही की। इनमें से 4 को फर्जी फर्जी प्रमाण पत्र भी दिए गए हैं।

मुंबई में फर्जी टीकाकरण का मामला सामने आने के बाद जांच में पता चला था कि मुंबई के गिरफ्तार आरोपियों ने ठाणे में भी फर्जी कैंप का आयोजन कर लोगों को ठगा है। उसके बाद नौपाड़ा पुलिस ने जांच की तो पता चला कि आरोपी महेंद्र सिंह व उसके साथियों श्रीकांत माने, संजय गुप्ता, सीमा आहूजा व करीम ने 26 मई को टीका लगाया था। यह स्पष्ट हुआ कि श्री जी आर्केड में जो टीका लगाया गया वह रिन्युबाय डॉट कॉम नामकी नामकी कंपनी के नाम सेे टीका लगाया गया था।

आरोपियों ने कंपनी के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए आयोजित होने की बात कह कर लोगों को झांसा दिया। साथ ही आयोजित कैंप में लोगों को कोविशील्ड (covishield) की नकली खुराक दी गई। इसके लिए प्रत्येक टीके के लिए 1000 रुपये वसूले गए। साथ ही 116 व्यक्तियों से टीकाकरण के लिए कुल 1 लाख 16 हजार रुपये की वसूली की गई।

इनमें से चार को कोवशील्ड वैक्सीन का फर्जी सर्टिफिकेट भी दिए गए। मुंबई पुलिस द्वारा फर्जी टीकाकरण का पर्दाफाश करने के बाद कंपनी रिन्यूबाय डॉट कॉम कंपनी के क्लस्टर सेल मैनेजर अर्णव दत्ता नौपाड़ा थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस मेंं आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया।

पुलिस ने आम लोगों से अपील कर कहा है कि, इस समय नागरिकों को धोखा देकर फर्जी टीकाकरण का चलन बढ़ रहा है। नागरिकों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वे इस तरह के टीकाकरण के लिए भुगतान न करें। टीका लगवाने से पहले पूछें कि किस अस्पताल के मार्फ़त टीका लगाया जा रहा है। साथ ही अस्पताल के आधिकारिक नंबर या आधिकारिक ईमेल के द्वारा संपर्क करके इस बारे में तफ्तीश करें।

पुलिस ने लोगों से यह भी अपील की कि, किसी को तब तक टीका के लिए भुगतान न करे जब तक आप आश्वस्त न हो जाए।

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