बीते 4 महीनों से देश में कोरोना का कहर जारी है। महाराष्ट्र में कोरोना केसेस की संख्या 2 लाख 33 हजार को पार कर गई है, वहीं राज्य में इस बीमारी से 1837 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसी तरह से मुंबई में कोरोना का आंकड़ा एक लाख के पार होने वाला है और 12,28 लोगों ने इस बीमारी से अपनी जान गवां दी है। इस मुसीबत के दौर में मुंबईकरों के बारिश भी आफत लेकर आई है। मॉनसून में अब कोरोना के अलावा डेंगू, मलेरिया और टायफाइड जैसी बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है।
बीएमसी के मुताबिक जून में 328 मलेरिया के मामले और चार डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं। पर अच्छी खबर है कि पिछले दो महीनों में इन बीमारियों के कारण किसी की भी मौत दर्ज नहीं हुई है। पर आने वाले अगले 2 महीने और भी खतरनाक हो सकते हैं। इसलिए आपको इस मॉनसून बीमारियों से बचने के लिए खुद का इस तरह से खयाल रखना चाहिए।
मलेरिया
मलेरिया एक प्रकार के परजीवी प्लाज्मोडियम से फैलने वाला रोग होता है। इसका वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर होता है। जब संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो संक्रमण फैलने से उसे मलेरिया हो जाता है। लापरवाही या सही इलाज न होने पर मलेरिया काफी खतरनाक साबित हो सकता है, और इसमें रोगी को अपनी जान भी गवांनी पड़ सकती है।
मलेरिया से बचाव
- मलेरिया में इलाज से सही होता है बचाव करना। इसलिए मच्छरों से बचने के लिए घर के दरवाजों और खिड़कियों में लोहे की जाली लगाएं। फुल कपड़े पहनें ताकि आपको मच्छर न काट सके।
- मॉनसून में खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेट रख कर आप मलेरिया को मात दे सकते हैं। इन दिनों में शरीर गर्म रहता, जिसे निकालना बेहद आवश्यक हो जाता है। इसके लिये आपको दिन भर में पर्याप्त पानी पीने के अलावा नारियल पानी, जूस आदि भी पीने चाहिए।
- मच्छर हमेशा घर के दरवाजे और खिड़कियों के पास और कोनों में छिपे रहते हैं। इन जगहों पर मच्छर मारने वाले स्प्रे जरूर डालें। इसके अलावा आप मच्छरों वाली रिफिल का भी इस्तेमाल करें।
- घर के आसपास हमेशा सफाई रखें और पानी न जमा होने दें। मच्छर पानी में ही अंडे देते हैं इसलिए कूलर की टंकी, आसपास के गड्ढों या ऐसी किसी भी जगह पानी जमा न होने दें।
- ऐसी जगह जहां पर कूड़ा या गंदगी पड़ी हो, वहां पर ना जाएं क्योंकि वह जगह मच्छरों के पनपने की अच्छी जगहें होती हैं। साथ ही शाम के समय भी पार्क आदि में न जाएं और घर पर ही रहें।
डेंगू
डेंगू भी मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है। यह बीमारी मुख्य रूप से एडीज मच्छरों के काटने से फैलती है। संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद ये मच्छर जिस किसी को भी काटते हैं, उसमें इस बीमारी के वायरस फैल जाते हैं। इस बीमारी के कारण रोगी को बुखार आता है और कई अन्य शारीरिक परेशानियां होती हैं। चूंकि शरीर में वायरस पहुंचने के 3-4 दिन बाद डेंगू के लक्षण दिखना शुरू होते हैं इसलिए शुरुआत में लोग इसे सामान्य बुखार या अन्य कोई बीमारी समझकर गलत इलाज करते हैं, जिससे मरीज की हालत और ज्यादा खराब होती जाती है।
डेंगू के लक्षण
- ठंड के साथ अचानक तेज बुखार का आना
- सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना
- बहुत ज्यादा कमजोरी का एहसास होना
- भूख का न लगना, जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना
- गले में हल्का-सा दर्द होना
- कभी-कभी किसी-किसी को इस बीमारी से चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज भी हो जाते हैं
डेंगू से बचाव
- जब भी घर से बाहर निकलें तो ध्यान रखें कि आपने पूरी बांह की शर्ट, फुल पेंट, बूट, मोजे पहनें हों।
- ऐसा माना जाता है कि मच्छर गाढ़े रंग की तरफ आकर्षित होते हैं, इसलिए हल्के रंग के कपड़े पहनें।
- तेज महक वाली परफ्यूम लगाने से बचें, क्योंकि मच्छर किसी भी तरह की तेज महक की तरफ आकर्षित होते हैं।
- कमरे में मच्छर भगानेवाले स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि का प्रयोग करें।
- मस्किटो रेपलेंट को जलाते समय सावधानी बरतें। इन्हें जलाकर कमरे को 1-2 घंटे के लिए बंद कर दें।
- समय-समय पर कूलर और घर के गमलों को साफ करते रहें।
- ध्यान रखें आपके आस-पास कहीं भी ज्यादा दिनों तक पानी जमा न रहे।