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चिकित्सा शिक्षा के लिए अब 'राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बिल'

रतीय चिकित्सा परिषद के स्थान पर सरकार ने अब राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक को लाने की बात कही है।

चिकित्सा शिक्षा के लिए अब 'राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बिल'
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केंद्रीय मंत्रिपरिषद ने शुक्रवार को एमसीआई यानी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को देश में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार करने और चिकित्सा शिक्षा में भ्रष्टाचार और कुरूपता को रोकने के लिए खारिज कर दिया है। भारतीय चिकित्सा परिषद के स्थान पर सरकार ने अब राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक को लाने की बात कही है।इस विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा में मंजूरी मिल जाने के बाद इसे कानून में बदलने की प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी और इसका कार्यान्वयन शुरू हो जाएगा।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक से चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश की प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी और इसके साथ ही चिकित्सा क्षेत्र को नियंत्रित करने और चिकित्सा संस्थानों का मूल्यांकन करने के लिए इस संबंध में चार स्वायत्त निकायों की स्थापना की जाएगी। मेडिकल, चिकित्सा संस्थानों के मूल्यांकन और डॉक्टरों के पंजीकरण, उनके नवीकरण इस के तहत ही किये जाएंगे। इस आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रवी वानखेडकर का कहना है की "नेशनल मेडिकल आयोग विधेयक अभी भी कुछ कमियां हैं। इसलिए, यह चिकित्सा पंजीकरण पुनर्गठन और इंडियन मेडिकल काउंसिल और संबंधित मामलों के इल अतिरिक्त कानून लाने की जरुरत है। आईएमएस द्वारा इस बिल पर कई सुधारों के लिए सरकार को निवेदन दिया जाएगा।

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