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मरकर भी जिंदा है यह इंसान...


मरकर भी जिंदा है यह इंसान...
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चंडीगढ़ का एक 40 वर्षीय इंसान चार परिवार वालों के लिए सचमुच किसी भगवान से कम नहीं है। इस इंसान ने मरकर भी चार परिवार वालों को जीवन भर की खुशियाँ दे दी। चंडीगढ़ के रहने वाले एक इंसान का ब्रेनडेड हो गया था, लेकिन उसके परिवार वालों की सहमती से उसका अंग दान करने का निर्णय लिया गया। इस व्यक्ति का दिल, फेफड़ा, आँखे, यकृत और मुत्रपिंड दान किया गया। यह इंसान भले ही इस दुनिया में नहीं है लेकिन वह चार लगों के अंदर अभी भी जीवित है।

चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिटयूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर से सुबह 11 बजे 2 मिनट पर इस व्यक्ति का दिल मुंबई के लिए निकला और 1 बजकर 15 मिनट में मुंबई पहुंचा। इसे चंडीगढ़ से मुंबई आने में 2 घंटा 38 मिनट लगा। इस व्यक्ति का दिल मिला, मुंबई से सटे ठाणे के डोम्बिवली के रहने वाले एक व्यक्ति को। मुलुंड के एक अस्पताल में इस व्यक्ति का ऑपरेशन करके दिल लगया गया। यह व्यक्ति डायलेटेड कार्डियोमयोपथी से पीड़ित था। यह व्यक्ति पिछले 37 दिनों से किसी डोनर की प्रतीक्षा में था।

डॉ. अन्वय मुले ने बताया कि इंदौर की रहने वाली एक महिला का फेफड़ा ख़राब हो गया था। इस महिला को उस व्यक्ति का फेफड़ा लगाया गया। महिला लास्ट स्टेज पर थी। यह महिला दो सप्ताह से फेफड़ा का इंतजार कर रही थी। साथ ही इस व्यक्ति की आँखे भी आई बैंक में दान कर दी गई।

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