कोरोना यानी Covid-19 मरिजों के संदर्भ में केंद्र सरकार ने एक नई नियमावली जारी किया है। इसके मुताबिक अब किसी मरीज में कोरोना वायरस (Coronavirus) के हल्के लक्षण (corona mild symptoms) दिखाई देते हैं तो उसे घर में ही अलग रखकर उसका इलाज किया जाएगा। अस्पतालों पर लगातार बढ़ रहे तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
जैसे-जैसे देश में कोरोना के मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे अस्पतालों पर भी मरीजों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। इसलिए अब केंद्र सरकार (central government) ने यह निर्णय लिया है कि, अब हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर ही अलग करके उनका इलाज किया जाएगा। इसमें वे मरीज होंगे जिन्हें बुखार होगा या जो स्पर्शोन्मुख लक्षणों से पीड़ित होंगे। हालांकि ऐसे मरीज भले ही घर पर रहेंगे, लेकिन वो होंगे डॉक्टरन कि निगरानी में। मरीज डॉक्टर से परामर्श करने के बाद एक वारंट पर हस्ताक्षर करके घर पर अपना इलाज शुरू कर सकता है।
लेकिन इसके लिए शर्त यह होनी चाहिए कि मरीज के घरवालों को अलग से रहने की सुविधा होनी चाहिए।
हालांकि, यह सुविधा एचआईवी, इंप्लांट सर्जरी, कैंसर के इलाज से गुजरने वाले मरीजों को नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, फेफड़े, यकृत, गुर्दे की बीमारी के रोगियों को उचित चिकित्सा जांच के बाद ही घर पर अलग होने की अनुमति दी जाएगी।
इस प्रकार होगा नियम:
- ऐसे मरीजों को घर पर ट्रिपल लेयर का मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इस मास्क को हर आठ घंटे या इसके क्षतिग्रस्त होने के बाद इसे बदलना अनिवार्य होगा। खराब हो चुके मास्क को फेंकने से पहले 1% सोडियम हाइड्रोक्लोराइड से धोना पड़ेगा। नहीं तो इस मास्क से अन्य लोग भी संक्रमित हो सकते हैं।
- हाथों को कम से कम 40 सेकंड तक साबुन के पानी से धोना चाहिए।
- मरीजों को अपने कमरे में रहना अनिवार्य होगा।
- रोगी की देखभाल करने के लिए 24 घंटे किसी को वहां होना जरूरी होगा। यह व्यक्ति जिला निगरानी अधिकारी को मरीज के हर पल की रिपोर्ट देता रहेगा। मरीज की देखभाल करने वाले चाहे नर्स हो या कोई और उन्हें डॉक्टरी सलाह पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफिलैक्सिस दवा लेनी पड़ेगी
- रोगी के संपर्क में आने के बाद हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोना या साफ करना चाहिए। रोगी से 2 मीटर से अधिक दूरी बनाए रखे, साथ ही मरीज से मिलकर आने के बाद मास्क और ग्लव्ज धोकर फेंक दें।
मरीज के खांसते और छींकते समय उसके पास न रहें, साथ ही मरीज के सामान को न छुएं और उसके बर्तन और कपड़े को अलग से धोएं।
रोगी को अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा।
सरकार की मौजूदा डिस्चार्ज नीति के अनुसार, एक कोरोना रोगी लगातार 3 दिनों तक बुखार से पीड़ित न होने पर ही उसके 10 दिन के बाद ही वापस परिवार में शामिल हो सकता है।
कोरोना मरीज के साथ साथ अगर किसी को भी सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, नीले होंठ होने, मानसिक भ्रम या खड़े होने में कठिनाई होना, जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो उसे तत्काल उस चिकित्सा अधिकारी को बताना होगा जो उस दौरान इलाज कर रहा होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि, मरीज के परिवार में वापस आने के बाद उसके टेस्ट की आवश्यकता नहीं होगी।