भारत में कोरोना वायरस (coronavirus in india) का नया वॉरिएंट 'डेल्टा' मिला है उसके बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने चौकानें वाला खुलासा किया है। सोमवार, 21 जून को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा कि, कोरोना वायरस के मौजूदा टीके डेल्टा कोरोना वायरस संस्करण के खिलाफ कम शक्तिशाली हैं। जिसका पता पहली बार भारत में चला था।हालाँकि, COVID-19 के टीके अभी भी गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोक रहे हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ ने कहा कि कोरोना वायरस वेरिएंट में म्यूटेशन में बदलाव का होना टीके के अप्रभावी होने का कारण बन सकता है।
बताया जा रहा है कि, डेल्टा प्लस, कोरोना वायरस म्यूटेशन का एक नया संस्करण B.1.617.2, जिसे पहली बार भारत में खोजा गया था, विकसित हो गया है। इस उत्परिवर्तन को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा डेल्टा संस्करण का नाम दिया गया था। हालांकि, अब इस वेरियंट में भी म्यूटेशन के कारण 'डेल्टा प्लस' नाम का वेरियंट बनाया गया है।
इससे पहले रविवार, 20 जून को, विशेषज्ञों ने बताया कि उभरते हुए डेल्टा-प्लस संस्करण के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाले नमूनों की संख्या देश में लगभग 20 तक पहुंच गई है। इसके अलावा, महाराष्ट्र में इनमें से कम से कम आठ मामले हैं, जिनमें से अधिकांश रत्नागिरी से हैं।
इस बीच कई नमूने नवी मुंबई, पालघर और अन्य क्षेत्रों में परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। हालाँकि, उसी के परिणाम अभी तक लंबित हैं। साथ ही इस बात की भी जांच की जा रही है कि यह नया वेरिएंट कितना खतरनाक है?
वर्तमान में, डेल्टा-प्लस (delta plus) के फैलने की गंभीरता का अध्ययन INSACOG (भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टिया) द्वारा किया जा रहा है। डॉक्टर ने तर्क दिया कि वे पिछले महीनों के नमूनों का भी विश्लेषण करेंगे ताकि यह देखा जा सके कि क्या वे मार्च या अप्रैल में पहले से मौजूद थे।