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खसरे से निपटने के लिए बीएमसी का 'धारावी मॉडल'!

टीकाकरण पर जोर देगी बीएमसी

खसरे से निपटने के लिए बीएमसी का 'धारावी मॉडल'!
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मुंबई सहीत महाराष्ट्र के कई हिस्सो में खसरे  (Measles) की बीमारी फैलते जा रही है। धारावी जैसे एम वार्ड में खसरा का संक्रमण फैल रहा है। धारावी जैसी मलिन बस्तियों में खसरे के तेजी से प्रसार को रोकने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली लगातार प्रयास कर रही है। इन्हीं प्रयासों के तहत अब खसरे के संक्रमण को रोकने के लिए 'धारावी मॉडल' ( dharavi model)  का इस्तेमाल किया जाएगा।

कोरोना संक्रमण के दौरान आशा कर्मचारियों के सहयोग से घर-घर सर्वे किया गया। सह-रुग्ण व्यक्तियों पर ध्यान देने और कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर तुरंत चिकित्सा शुरू करने पर जोर दिया गया। इसी तरह खसरे के प्रकोप को नियंत्रण में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। एम वार्ड की तरह धारावी में भी बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार हैं। इसलिए एक मरीज से दूसरे मरीज में संक्रमण तेजी से फैल सकता है।

संक्रमण के प्रकोप को रोकने के लिए शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों का सर्वेक्षण किया जायेगा, यदि उनमें बुखार, शरीर पर चकत्ते जैसे लक्षण हैं तो उचित दवा एवं खसरा रोधी टीकाकरण एवं नियमित टीकाकरण पर जोर दिया जायेगा।

नगर पालिका एम वार्ड में कितने बच्चों का टीकाकरण बाकी है, कितनों का तत्काल टीकाकरण कराने की जरूरत जैसे विभिन्न मुद्दों पर कुशलता से काम कर रही है। खसरा रूबेला टीकाकरण के लिए पात्र हितग्राहियों की पहचान कर शून्य से पांच वर्ष आयु वर्ग में उनका टीकाकरण करने पर जोर दिया जा रहा है।

मलिन बस्तियों में अब तक कुल 119 शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। अगले दस दिनों में 50 टीकाकरण शिविर लगाए जाएंगे। खसरे के प्रकोप को नियंत्रित करने तथा रोग एवं टीकाकरण की जानकारी देने के लिए वार रूम के माध्यम से विभिन्न सत्रों का आयोजन किया जायेगा। चिकित्सा अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे उन रोगियों के बारे में जानकारी प्रदान करें जिन्हें अस्पतालों में भर्ती करने की आवश्यकता है।

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