इन्फ्लुएंजा H1N1 और H3N3 टाइप-ए के उपप्रकार हैं। इसलिए नागरिकों को घबराना नहीं चाहिए। इसके लिए कारगर दवा उपलब्ध है। जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से अपील की गई है कि सर्दी, बुखार, खांसी होते ही तुरंत नजदीकी सरकारी या निजी अस्पताल में दिखाएं और डॉक्टर की सलाह पर ही इलाज कराएं।लोक स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी गई है। इसमें उल्लिखित जानकारी इस प्रकार है। (Do these things to avoid influenza H1N1 and H3N3)
इन्फ्लुएंजा से बचने के लिए करें ये काम
- अपने हाथों को बार-बार साबुन और साफ पानी से धोएं।
- पौष्टिक आहार लें।
- अपने आहार में स्वस्थ आहार जैसे नींबू, आंवला, मौसमी, संतरा, हरी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग करें
- पर्याप्त नींद लें और आराम करें
- खूब पानी पिएं
इन्फ्लुएंजा से बचने के लिए ऐसा न करें
- हाथ न मिलाएं
- सार्वजनिक स्थान पर ना थूकें,
- डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें
- अगर आपमें लक्षण हैं तो भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाएं
- बुजुर्ग और बीमार लोगों को भीड़भाड़ से बचना चाहिए
इन्फ्लुएंजा रोगियों की होम केयर
- इन्फ्लूएंजा के ज्यादातर मामले हल्के होते हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि ऐसे इंफ्लुएंजा के मरीजों की घर पर देखभाल कैसे की जाए।
- रोगी के लिए एक अलग कमरा तय किया जाना चाहिए। रोगी को यथासंभव परिवार के संपर्क से बचना चाहिए।
- यदि रोगी को घर में कोई उच्च जोखिम वाली बीमारी हैतो उसे उनके साथ निकट नहीं जाना चाहिए।
- ब्लीच का घोल घर पर तैयार किया जाना चाहिए और रोगी की मेज, कुर्सी और अन्य सतहों को पोंछने के लिए इस्तेमाल किया जाना
- रोगी द्वारा उपयोग किए गए टिश्यू पेपर या मास्क को फेंकना नहीं चाहिए।
- रोगी द्वारा प्रयोग में लाए गए पोंछे को ब्लीच के घोल में गर्म पानी में आधे घंटे तक भिगोकर रखना चाहिए और फिर कुल्ला करना चाहिए।
- रोगी के बिस्तर को ढकने वाले तौलिये को संभालने पर साबुन और पानी से हाथ धोएं। भरपूर आराम और तरल पदार्थ लें।
- डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लेनी चाहिए।
- दिन में कम से कम दो बार गर्म पानी में नमक और हल्दी मिलाकर गरारे करें और गर्म पानी में नीलगिरी के तेल से भाप लें।
- बुखार और अन्य फ्लू के लक्षण कम होने के बाद कम से कम 24 घंटे तक घर पर रहें।
- सांस लेने में तकलीफ, सांस लेते समय सीने में दर्द, खांसी में खून आना, बुखार और चिड़चिड़ापन, खाने से मना करना, बच्चों में उल्टी जैसे लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।
उच्च जोखिम वाले व्यक्ति
निम्न उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों में इन्फ्लुएंजा ए एच1एन1 रोग गंभीर हो सकता है
पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे (विशेष रूप से 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चे), 65 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती माताएं, उच्च रक्तचाप या अन्य हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा, फेफड़े, यकृत, गुर्दे की बीमारी, तंत्रिका तंत्र विकार वाले लोग, इम्यूनो-कॉम्प्रोमाइज़्ड लोग , लंबे समय तक स्टेरॉयड दवाएं लेने वाले व्यक्ति को इसे करना चाहिए
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