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महाराष्ट्र में जीका वायरस का ख़ौफ़, पुणे के 79 गांवों पर मंडरा रहा खतरा

कोरोना के बाद महाराष्ट्र में अब जीका वायरस (zika virus) का भी खतरा मंडराने लगा है। पुणे जिले में जीका वायरस का पहला केस सामने आने के बाद से ही प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है।

महाराष्ट्र में जीका वायरस का ख़ौफ़, पुणे के 79 गांवों पर मंडरा रहा खतरा
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कोरोना वायरस (coronavirus) से जूझते महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना वायरस (covid19) के केस भले ही कम सामने आ रहे हैं लेकिन अब एक नई मुसीबत सामने आ गई है। कोरोना के बाद महाराष्ट्र में अब जीका वायरस (zika virus) का भी खतरा मंडराने लगा है। पुणे जिले में जीका वायरस का पहला केस सामने आने के बाद से ही प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है।

यही नहीं जिला प्रशासन ने अन्य 79 गांवों में जीका वायरस के दस्तक की आशंका जाहिर की है। रिपोर्ट्स की मानें तो स्वास्थ्य विभाग ने इन गांवों में इमरजेंसी सेवाओं के लिए तैयारी कर ली है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, पुणे के बेलसर गांव में जीका वायरस का पहला केस सामने आया था। जिसकेे बााद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया।

संभावित खतरे को देखते हुए पुणे जिले के डीएम ने अधिकारियों के साथ मीटिंग बुलाई जिसके बाद, सर्वसम्मति से सभी ग्राम पंचायतों और स्थानीय प्रशासन को अलर्ट कर दिया। ये सभी गांव जीका वायरस संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील माने जा रहे हैं। इन गांवों में जीका के अलावा डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां है या नहीं इसकी भी जांच जारी है।

कलेक्टर राजेश देशमुख ने कहा कि जिले के वे गांव जो पिछले तीन वर्षों में लगातार डेंगू और चिकनगुनिया से प्रभावित हुए हैं, उन्हें जीका संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील माना जाए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, संवेदनशील घोषित किए गांव में डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज अगर सामने आते हैं तो उनके खून के सैंपल लिए जाएंगे, जिनका जीका संक्रमण का टेस्ट होगा। ग्राम पंचायत स्तर पर, जिला प्रशासन ने तालुका प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को तत्काल उपाय लागू करने के निर्देश दिए हैं।

हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि, चिंता की कोई बात नहीं है, बीमारी से संबंधित सभी जरूरी उपाय किये जा रहे हैं।

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