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मुंबई : ठाणे में सामने आया ब्लैक फंगस का पहला केस

ब्लैक फंगस होने पर आंखों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। इस बीमारी में आंख खराब हो जाती है। यह काफी घातक महामारी है।

मुंबई : ठाणे में सामने आया ब्लैक फंगस का पहला केस
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ठाणे (thane) जिले में ब्लैक फंगस (black fungus) यानी म्युकोरमायकोसिस (mucormycosis) का पहला मामला सामने आया है। इसके लक्षण एक महिला में पाए गए हैं जिसकी एक आंख खराब हो गई है।

बताया जाता है कि, इस महिला का कोरोना (Covid19) था। महिला ने कुछ दिन पहले ही अपना मेडिकल टेस्ट कराया था। इसमें महिला की दाहिनी आंखें हिल नहीं रही थी, और आंख भी कुछ अजीब दिखाई दे रही थी और दाहिनी आंख की मांसपेशियां भी सूज गई थी।

जांच के दौरान, यह पाया गया कि, आंखों पर प्रकाश डालने के बाद भी आंख में कुछ हलचल नहीं हो रही थी। इसके बाद महिला का सीटी स्कैन, ऑर्बिट ब्रेन सीटी स्कैन टेस्ट किया गया।जिसकी रिपोर्ट में भी ब्लैक फंगस के लक्षण पाए गए। महिला के मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट में अन्य आंतरिक लक्षण भी दिखाई दिए।

जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि महिला को ब्लैक फंगस रोग था।

ब्लैक फंगस होने पर आंखों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। इस बीमारी में आंख खराब हो जाती है। यह काफी घातक महामारी है।

कुछ मामले ऐसे हैं, जिनमें मरीजों की आंखें फेल रही हैं। एक दुर्लभ, लेकिन बेहद घातक, फंगल संक्रमण है, जिसे श्लेष्मा रोग कहा जाता है। हालांकि, आंख खोने के मामले नए हैं।

इस बीमारी का मुख्य कारण कोरोना वायरस के कारण शरीर का इम्यूनिटी कम हो जाना है। यह बीमारी साइनस के संक्रमण से शुरू होती है और फिर मुंह के अंदर से ऊपरी जबड़े, आंखों और मस्तिष्क तक फैल जाती है।

इसके होने से पलकों में सूजन, पलकों में भारीपन, आंखों का फड़कना, आंखों के आसपास की त्वचा का काला पड़ जाना, आंखों का सुस्त होना, धुँधला दिखना, नाक में सूजन, नाक का बहना, चेहरे के एक तरफ सूजन होना और आँखों में दर्द का होना आदि है।

इसके अलावा इस बीमारी से मस्तिष्क, मसूड़ों और छाती में भी संक्रमण हो सकता है। और लकवा आने से मौत भी हो सकती है।

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