चिकित्सा उपकरणों से संबंधित एक नया कानून जनवरी, 2018 में लागू हुआ। इन उपकरणों के निर्माण के लिए लाइसेंस अनिवार्य license to medical manufacture) कर दिया गया है, अक्टूबर 2022; खाद्य एवं औषधि प्रशासन के संयुक्त आयुक्त ( MEDICAL) जी.बी.बयाले ने यह जानकारी दी है।
रोगियों के उपचार और निदान के लिए चिकित्सा उपकरणों का उपयोग किया जाता है। इससे पहले 37 चिकित्सा उपकरणों को विनियमित किया गया था। अब नए कानून के मुताबिक करीब 2 हजार 347 चिकित्सा उपकरणों पर नियंत्रण होने जा रहा है। चिकित्सा उपकरण नियम 2017 के अनुसार, 1 अक्टूबर 2022 से चिकित्सा उपकरणों के निर्माण के लिए लाइसेंस होना आवश्यक है।
नेबुलाइजर, डिजिटल थर्मामीटर, ब्लड प्रेशर मॉनिटर, ग्लूकोमीटर जैसे आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले चिकित्सा उपकरणों को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत दवाओं के रूप में माना जाना है।
इससे पहले, केवल कार्डियक स्टेंट, हार्ट वॉल्व, ऑर्थोपेडिक्स इम्प्लांट आदि जैसे चिकित्सा उपकरणों के निर्माण के लिए विनिर्माण लाइसेंस दिए जाते थे। इसके अलावा, कुछ अन्य चिकित्सा उपकरण (जैसे ब्लड प्रेशर मशीन, एमआरआई और एक्स-रे मशीन) बिना लाइसेंस और नियंत्रण के बड़ी मात्रा में निर्मित और बेचे जा रहे थे।
2017 के नए नियमों के मुताबिक 2 हजार 347 चिकित्सा उपकरणों को नियंत्रित किया जाएगा। कम जोखिम और उच्च जोखिम वाले उपकरणों को ए और बी श्रेणियों में रखा गया है। इसमें 1 हजार 64 प्रकार के उपकरण हैं। खाद्य एवं औषधि विभाग ने जानकारी दी है कि उन्हें 1 अक्टूबर तक लाइसेंस लेना होगा।
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