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नोट बंदी ने दवा विक्रेताओं की बढ़ाई परेशानी


नोट बंदी ने दवा विक्रेताओं की बढ़ाई परेशानी
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मुंबई - मरीजों को दवा मिल सके इसके लिए दवा विक्रेताओं के लिए 500 और एक हजार के पुराने नोट लेना अनिवार्य है। जिससे खुदरा दवा विक्रेताओं को भी पुराने 500 और हजार के नोट स्वीकार करने पड़ रहे हैं। लेकिन उन्हें उन नोटों को जमा करवाने के लिए रोजाना बैंको के बाहर घंटों लाइन लगानी पड़ती है। वहीं दवा खरीदने के लिए नए नोट नहीं होने से दवा खरीदी पर उसका असर पड़ रहा है। महाराष्ट्र रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार से इसका हल निकालने की अपील की है। एसोसिएशन ने पत्र लिखकर निवेदन किया है कि थोक दवा विक्रेताओं को पुराने नोट स्वीकारने का आदेश दिया जाए या फिर बैंकों में खुदरा दवा विक्रेताओं को नए नोट उपलब्ध करवाने में प्रधानता मिले।

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