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घुटना प्रत्यारोपण की कीमतों पर लगेगी लगाम, एनपीपीए तय करेगा कीमत


घुटना प्रत्यारोपण की कीमतों पर लगेगी लगाम, एनपीपीए तय करेगा कीमत
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राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने घुटना प्रत्यारोपण से संबंधित सामानों और उनकी कीमतों को निश्चित करने का निर्णय लिया है, इस निर्णय से जहां मरीजों में ख़ुशी की लहर है तो वहीँ उद्योग में घबराहट भी देखी जा रही है। घुटना प्रत्यारोपण से जुड़े सामानों को तैयार करने वाली जॉन्सन ऐंड जॉन्सन, जिमर बायोमेट, स्मिथ ऐंड नेफ्यू, वाइगॉन जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां सरकार के बजाय खुद ही कीमतों को नियंत्रित करने की दिशा में काम करना चाहती हैं।

पिछली बार एनपीपीए ने कार्डियक स्टेंट की कीमतों कम कराने के लिए हस्तक्षेप किया था। जिस तरह एनपीपीए ने स्टेंट की कीमतें तय की थीं उससे उद्योग में हलचल मच गई थी। मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमटीएआई) ने चिकित्सा उपकरणों को ज्यादा किफायती बनाने के लिए एक प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।

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घुटना प्रत्यारोपण के लिए काम में आने वाला मेडिकल सामान जिसकी कीमत लगभग 65,782 रुपए होती है, वास्तव में वह मरीजो को 4 लाख 13 हजार में बेचा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया (जिसमें ऑपरेशन से लेकर दावा भी शामिल है) में लगभग 9 लाख रुपए का खर्च आता है। मात्र ऑपरेशन का खर्चा ही करीब 3 से साढ़े 3 लाख रूपये तक होता है।

यही नहीं 9550 ते 24,280 रुपए में आने वाला टिबिअल प्लेट(जोड़ो का आरोपण) मरीजों को डेढ़ लाख में दिया जाता है, जबकि टिबिअल प्लेट को लगाने के लिए डॉक्टर मरीजों से अलग चार्ज करते हैं जिसका खर्चा करों पौने दो लाख रुपया होता है।

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कार्डियक स्टेंट की कीमतों की सीमा तय करने और आपूर्ति शृंखला के विभिन्न स्तरों पर भारी मार्जिन साबित करने के बाद एनपीपीए ने अब दूसरे चिकित्सा उपकरणों की निगरानी करनी शुरू कर दी है। आपूर्ति के विभिन्न स्तरों पर ज्यादा मार्जिन की वजह से ही स्टेंट की कीमतें काफी ज्यादा थी। हड्डी रोग संबंधी कई तरह के घुटने के प्रत्यारोपण के आपूर्ति शृंखला की मार्जिन से जुड़ी एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एक घुटना प्रत्यारोपण का औसत मार्जिन तकरीबन 313 फीसदी तक हो सकता है।

जैसे की फेमोरल (मांसपेशियों के ऑपरेशन के लिए आने वाला उपकरण) की कीमत 25 हजार से लेकर 40 हजार तक होती है लेकिन इसकी कीमत मरीजो से 70 हजार रूपये तक वसूली जाती है। यह तो तय है कि यह कम्पनियां इन्ही उपकरणों के लिए मरीजों से 200 फीसदी से भी अधिक कीमत वसूलती हैं।

अधिकतम खुदरा मूल्य में से आयात कीमत घटाने पर कुल व्यापार मार्जिन निकलता है। इसमें वितरक और अस्पताल को 335 फीसदी मार्जिन मिलता है और जो कंपनी इन प्रत्यारोपण का आयात कर रही है उसे 76 फीसदी तक मार्जिन मिलता है। एनपीपीए ने घुटने के प्रत्यारोपण को चार श्रेणियों में रखा है जिनमें फीमरल, टिबियल प्लेट, इनसर्ट और पटेला शामिल है। फीमरल प्रत्यारोपण में कुल मार्जिन 287 फीसदी है जिसमें से वितरक और अस्पताल को 120 फीसदी और आयातक को 76 फीसदी मार्जिन मिलता है।


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