मुंबई सहित महाराष्ट्र में कोरोना (Coronavirus) का कहर बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि प्रशासन द्वारा इसे रोकने के तमाम उपाय किए जा रहे हैं बावजूद इसके कोई खास सफलता हाथ नहीं लग रही है। इसी कड़ी में कोरोना (Covid-19) को रोकने के लिए BMC ने जोन 5 में मास स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। मुंबई के जोन-5 में करीब 35 लाख लोग रहते हैं। इस जोन में चांदिवली, कुर्ला, नेहरूनगर, चेंबूर, मानखुर्द-गोवंडी और अणुशक्तिनगर आदि विधानसभा आती है। यह इलाका कोरोना के लिहाज से रेड जोन में आता है।
देश के सर्वाधिक कोरोना प्रभावित जोन-5 को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी एनसीपी नेता और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक (nawab malik) को दी गई है। मास स्क्रीनिंग की बारे में बात करते हुए मलिक ने कहा कि इससे शुरुआत में कोरोना मरीजों के आकड़े बढ़ेंगे, लेकिन उसके बाद परिस्थिति नियंत्रण में आ जाएगी।
इस बाबत मलिक ने जोन-5 के बीएमसी के सभी वार्ड अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें तय हुआ कि सभी हाउसिंग सोसाइटियों को एक निर्देश जारी किया जाएगा जिसमें हाउसिंग सोसाइटी को वहां रहने वालों की स्क्रिनिंग खुद करानी होगी।उनके शरीर का तापमान, ऑक्सीजन लेवल आदि की जांच की जाएगी।
जबकि झोपड़पट्टी यानि चाल में रहने वालों के लिए मास स्क्रीनिंग की व्यवस्था बीएमसी करेगी। इसके लिए सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों की मदद ली जाएगी।
मलिक ने बताया कि फिलहाल, तीन वार्ड में मास स्क्रीनिंग शुरू हो गई है। इसके बाद बड़े पैमाने पर मरीज सामने आएंगे। इन्हें निजी अस्पतालों में भर्ती कराया जाएगा। फिलहाल, तीन वार्ड में 300 बेड उपलब्ध हैं।
मलिक ने बताया कि बीएमसी जब निजी अस्पतालों को अपने अधिकार में लेगी, तब वहां भर्ती मरीजों के इलाज का खर्च बीएमसी वहन करेगी।
मंत्री मलिक ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनसहभागिता जरूरी है। इसके लिए मोहल्ला रक्षक दल बनाने की जरूरत है, जो पुलिस के साथ मिल कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा सकें।
उन्होंने बताया कि मस्जिद व मदरसों में स्थान उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है, जिससे अल्पसंख्यक समाज के लोगों को वहां क्वारंटीन किया जा सके।
इसके पहले आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि पूरी मुंबई में कोविड-19 की मास स्क्रीनिंग कराई जाए लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।