एशिया की सबसे भारी महिला कहलानेवाली पालघर के वसई इलाके में रहनेवाली एक महिला ने चार साल में 214 किलोग्राम वजन किया है। डॉक्टर शशांक शाह ने बुधवार को इसकी घोषणा की। महिला का वजन तीन सौ किलोग्राम से भी अधिक था। 42 साल की अमृता रजनी ने अपने वजन को कम करने में कामयाबी हासिल की है। ऐसा नहीं है कि उसे कोई पैदाइशी बीमारी थी। जब वह पैदा हुई थी तब सामान्य बच्चों की तरह उसका वजन तीन किलो था।
अचानक बढ़ने लगा था वजन
छह साल के होने पर अचानक उसका वजन बढ़ने लगा और 16
साल की होते-होते उसका वजन 126
किलो हो गया था। अमृता के बढ़ते वजन को देखकर उनके घरवालो ने उन्हे कई डॉक्टरों के पास दिखाया लेकिन कोई भी उनका इलाज नहीं कर पाया। उनका वजन लगातार बढ़ते जा रहा था। पिछलें आठ सालों से अमृता बिस्तर पर ही पड़ी रहती थी। कई बार उनका विश्वास भी डगमगाया था। उसे सांस लेने में भी दिक्कत होती थी। उसे ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती थी।
लीलावती अस्पताल में कराया इलाज
लीलावती अस्पताल में लैपराओबेसो सेंटर के संस्थापक शशांक शाह ने अमृता को वजन कम करने में काफी मदद की। अमृता ने कहा, 'पिछले आठ साल से वह पूरी तरह से बेड तक सिमट कर रह गई थी। लेकिन डॉ. शाह ने वजन कम करने में उसकी मदद की। इसके चलते अब वह पूरी तरह से आजाद है। खुद से चलती है। अपनी पसंद के कपड़े पहनती है और सामान्य जीवन का पूरा आनंद उठा रही है।
डॉ.
शाह ने बताया कि अमृता पहली बार उनके पास 2015 में आई थी। तमाम जांच के बाद उन्होंने उसकी सर्जरी करने का फैसला किया। उसे अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस में सोफा लगाना पड़ा था। अस्पताल में उसके लिए खास तरह के बेड का इंतजाम किया गया। 2015 और
2017 में उसकी दो सर्जरी हुई थी। सर्जरी के बाद उसका वजह कम होने लगा और इस समय उसका वजन 86 किलो है। उसे अब किडनी, ब्लड प्रेशर, डाइबिटीज जैसी बीमारियों से भी मुक्ति मिल गई है।
डॉ. शाह ने बताया कि अब उसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने की कोशिश भी की जा रही है।
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