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फाइजर या एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के दोनों डोज डेल्टा के नए वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी

हालांकि, शोध में यह भी बताया गया है कि उच्च सुरक्षा के लिए टीकों का एक शॉट पर्याप्त नहीं है। यह शोध बुधवार, 21 जुलाई को प्रकाशित किया गया था।

फाइजर या एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के दोनों डोज डेल्टा के नए वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी
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हाल ही में यूके (united kingdom) में जारी एक शोध से यह पता चला कि फाइजर या एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की दोनों डोज अत्यधिक पारगम्य डेल्टा संस्करण (highly transmissible Delta variant) के खिलाफ लगभग उतनी ही प्रभावी हैं जितनी कि वे पहले के प्रमुख अल्फा वैरिएंट (alpha variant) के खिलाफ हैं। हालांकि, शोध में यह भी बताया गया है कि उच्च सुरक्षा के लिए टीकों का एक शॉट पर्याप्त नहीं है। यह शोध बुधवार, 21 जुलाई को प्रकाशित किया गया था।

यूके भर में लगभग 19,000 किशोरों और वयस्कों के एक अध्ययन के निष्कर्षों ने सुझाव दिया कि जब लोगों को दोनों डोज दिए गए तो डेल्टा (delta) के खिलाफ टीका सुरक्षा बहुत मजबूत होती है।

द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित शोध से पता चला है कि, फाइजर (Pfizer) या एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca's vaccine) के टीके की सिर्फ एक डोज ने लोगों को केवल एक तिहाई समय में रोगसूचक संक्रमण (symptomatic infections) से बचाया।

शोधकर्ताओं ने पाया कि बोर्ड पर केवल एक शॉट के साथ, फाइजर का टीका रोगसूचक डेल्टा मामलों के खिलाफ सिर्फ 36 प्रतिशत प्रभावी था, जबकि एस्ट्राजेनेका का टीका 30 प्रतिशत प्रभावी था।

इस बीच, जब रोगियों को दोनों पूरी तरह से टीका लगाया गया, दो शॉट्स के साथ दोनों को प्रभावी होने के लिए कम से कम दो सप्ताह दिए गए, फाइजर डेल्टा संस्करण से रोगसूचक कोरोना वायरस (corona virus) के खिलाफ लगभग 88 प्रतिशत प्रभावी हो गया, जबकि एस्ट्राजेनेका का टीका इसके खिलाफ 67 प्रतिशत प्रभावी था।

विशेषज्ञों ने नोट किया कि एक टीके के दो शॉट लेने से शरीर को COVID-19 के प्रति अधिक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित करने का मौका मिलता है, जो वायरस पर इसके हमले को तेज करता है। इसके अलावा कोरोना प्रोटोकॉल नियमों का पालन करने से यह और भी सुरक्षा प्रदान करता है।

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