डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने के बाद अब अस्पतालों की लापरवाही का एक नया मामला सामने आया है। अस्पताल के कर्मचारी और वॉर्ड बॉय अपना काम सही तरीके से नहीं कर रहे हैं।
सोमवार को आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली किसी काम के सिलसिले में जे.जे. अस्पताल में गए थे, जहां उन्होंने देखा कि अस्पताल परिसर में माता-पिता अपने बच्चों को स्ट्रेचर पर ओपीडी की तरफ ले जा रहे थे।
जिसके बाद गलगली ने अपने मोबाइल में इन तस्वीरों को कैद किया और अनिल गलगली ने ट्विट किया कि अस्पताल में स्ट्रेचर खीचने का काम मरीजे के रिश्तेदार कर रहे हैं, रिक्त पद भरे जाएंगे क्या?
गलगली में राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. दीपक सावंत और जे.जे अस्पताल के डीन डॉ. तात्याराव लहाने को ट्विट टैग किया।
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— ANIL GALGALI (@ANILGALGALIRTI) https://twitter.com/ANILGALGALIRTI/status/849160167602171904">April 4, 2017
इस विषय ‘मुंबई लाइव’ ने जे.जे अस्पताल के डीन डॉ. तात्याराव लहाने से संपर्क किया तो उन्होंने उस वीडियों को जे.जे अस्पताल का होने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी गलगली ने एक ऐसा ही वीडियो वायरल किया था, जिसमें उन्होंने जे.जे अस्पताल में भूत होने को कहा था। लहाने ने कहा कि हररोज ओपीडी में 3000 से अधिक मरीज आते हैं,एक टाइम में उन्हें संभालने के लिए सिर्फ 37 वॉर्डबॉय और नर्स होते हैं, ऐसे में अगर परिजन स्वत: अपने मरीजों को लेकर आते हैं तो यह अच्छी बात है।