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सुजोक चिकित्सा पद्धति से कैसे मिलती है बीमारी से राहत.. देखें


सुजोक चिकित्सा पद्धति से कैसे मिलती है बीमारी से राहत.. देखें
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प्रतिक्षानगर- अंतरराष्ट्रीय सुजोक एसोसिएशन की ओर से मुफ्त में सुजोक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। 15 मार्च को शिवजयंती के मौके पर वॉर्ड क्र. 175 के नगरसेवक मंगेश सातमकर ने प्रतीक्षानगर म.न.पा.स्कूल में इस शिविर का आयोजन किया।

अचानक बीमार पड़े, गंभीर बीमारी, चर्मरोग, छोटे बच्चों का बीमार होना, मानसिक बीमारी जैसी बीमारियों को कोरियन थेरपी से इलाज किया जाता है। संयोजक डॉ.विद्या नाईक का कहना है कि अभी तक इस शिविर में 300 लोगों ने इसका फायदा लिया।

इस शिविर में 50 डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। 15 औऱ 16 मार्च को इसका आयोजन किया जाएगा। सुबह 11 बजे से 5 तक इस शिविर कैप का आयोजन किया गया।

सुजोक पद्धति से कैसे होता है इलाज-

सुजोक पद्धति से मुख्य तौर पर नाड़ि़यों में दर्दसंवेदना का अभाव, डायबिटीज और विभिन्न प्रकार के दर्दों का इलाज ज्यादा किया जाता है। शरीर के आगे का हिस्सा हथेली की ओर होता है और पीछे का हिस्सा हथेली के पीछे की ओर। ब्रह्मांड में सभी चीजें पंच तत्वों से बनी हैं जिन्हें अग्निपृथ्वी, जलवायु और आकाश से बनी है। यदि शरीर में इनकी ऊर्जा में असंतुलन पैदा होता है तो शरीर अस्वस्थ हो जाता है। ऐसे में प्रभावी अंग अपने संबंधित जोड़ को सावधान होने का संकेत भेजता है और उसके उत्तेजित होने से जोड़ों में दर्द होने लगता है। लेकिन किसी जोड़ पर मालिश करके उसे आराम पहुंचाया जासकता है।

ऊर्जा में आए असंतुलन को ठीक करने के अनेकतरीके हैं। जैसे सूई से,चुंबक सेबीज से, लेजर सेमोक्सा दबाव से विशेष किस्म के स्प्रिंग मेटल रिंग से या जोड़ पर मसाज से सुविधा के अनुसार हाथ और पांव पर मुख्य रूप से इलाज किया जाता है। यह एक पीड़ा विहीन पद्धति है। जिसमें अधिकांश मामलों में बीज या छोटा चुम्बक समस्या से संबंधित जोड़ या क्षेत्र में आठ से 24 घंटे के लिए टेप से चिपका दी जाती है। यह किसी भी आयु के मरीजों में आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए किसी चिकित्सालय में जाने की जरूरत नहीं पड़ती। घर बैठे आप अपना इलाज खुद कर सकते हैं।

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