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हजारों मरीज के सामने एक डॉक्टर, सोनोग्राफी के लिए होती है भारी भीड़!


हजारों मरीज के सामने एक डॉक्टर, सोनोग्राफी के लिए होती है भारी भीड़!
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बीएमसी के सायन हॉस्पिटल में हर रोज मुंबई समेत देश के कई हिस्सों से हजारों मरीज अलग अलग इलाज के लिए आते हैं। जिसकी वजह से इस हॉस्पिटल में हमेशा भीड़ देखने को मिलती है।दूसरे बीएमसी हॉस्पिटल के मरीजों को भी सोनोग्राफी के लिए सायन हॉस्पिटल भेजा जाता है। इसका भार यहां के सोनोग्राफी डिपार्टमेंट में काम करने वाले डॉक्टर्स और खुद मरीजों पर पड़ता है। डॉक्टर्स और कर्मचारियों के मुकाबले मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। जिसके चलते मरीजों को कई सारी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। इसका एक नजारा बुधवार की दोपहर देखने को मिला।

सायन हॉस्पिटल में सोनोग्राफी के लिए संजय नाम का युवक भागते भागते केबिन के बाहर आया। उसने रिसेप्शन में बताया कि वह पिछले डेढ़ घंटे से खड़ा है पर वहां कोई भी डॉक्टर नहीं है। जिसके चलते वहां पर बहुत भीड़ जमा है।

इस खबर की पुष्टी के लिए ‘मुंबई लाइव’ ने सोनोग्राफी डिपार्टमेंट में जांच पड़ताल की वहां पर वास्तव में बहुत भीड़ थी। सोनोग्राफी के लिए सायन हॉस्पिटल के ओपीडी विभाग फर्स्ट फ्लोर में बड़े पैमाने पर भीड़ थी।  मरीज और उनके परिवार वालों का सिर्फ इसी ओर ध्यान था कि उनका नंबर कब आएगा?

सायन हॉस्पिटल में 1 घंटे में लगभग 300 मरीज सिर्फ सोनोग्राफी के लिए आते है। जिसके लिए हॉस्पिटल में 12 मशीन हैं।  जिसमें से 9 सोनोग्राफी डिपार्टमेंट में हैं। एक मशीन वरिष्ठ डॉक्टरों को दी गई है तो वहीं बाकी मशीन इमर्जेंसी के लिए हैं। प्रत्येक मशीन पर एक सीनियर डॉक्टर होता है। जिसके साथ रिपोर्ट लिखने के लिए एक डॉक्टर होता है। मतलब एक टाइम पर 9 डॉक्टर एकसाथ ओपीडी  के लिए होते हैं। पर मरीजों की संख्या  इन डॉक्टर्स और मशीनों से बहुत ज्यादा है।

इस विषय पर  मुंबई लाइव ने सायन हॉस्पिटल के अधिष्ठाता डॉ. जयश्री मोंडकर से संपर्क साधा, इस दौरान उन्होंने परिस्थिति से रूबरू कराया।

उन्होंने कहा, दिन भर में सिर्फ एक डिपार्टमेंट में लगभग 300 मरीज दाखिल होते हैं। सोनोग्राफी और ओपीडी के समय में बड़े पैमाने पर भीड़ होती है। जिसके चलते हम जल्द ही मरीजों की सविधा के लिए टोकन सुविधा शुरु करने वाले हैं। सिर्फ एक सोनोग्राफी डिपार्टमेंट बस में नहीं सभी डिपार्टमेंट में हरदिन भीड़ होती है। हमारे यहां दूसरे बीएमसी हॉस्पिटल से भी मरीज आते हैं, जिसके चलते वर्क लोड अधिक होता है।

 

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