जहां एक तरफ प्राइवेट अस्पतालों की भारी भरकम फीस से आम लोग इलाज के लिए सरकारी अस्पताल को प्राथमिकता देते हैं लेकिन अब सरकारी अस्पताल भी अपने फीस और जांच महंगे करने वाले हैं। मुंबई लाइव से बात करते हुए मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर के संचालक डॉ. प्रवीण शिनगारे ने कहा कि नई दर अगले हफ्ते से लागू हो जाएगी। सरकार के इस कदम को पहले से ही महंगाई की मार झेल रही गरीबो के लिए दोहरी मार बताई जा रही है।
इन अस्पतालों में बढ़ेंगी दरें
यह दरें राज्य सरकार के अधीन आने वाली सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ही बढ़ाई जाएंगी। इन अस्पतालों में मुंबई का जे.जे. अस्पताल, सेंट जॉर्ज, जीटी कामा अस्पताल शामिल हैं। जे.जे. अस्पताल मुंबई का ही नहीं देश के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक माना जाता है। यहां इलाज के लिए देश के कोने कोने से आते हैं, लेकिन कयास लगाए जा रहे है कि इलाज महंगा हो जाने के कारण मरीजों की संख्या में कमी आ सकती है।
8 साल से पेंडिग
बताया जा रहा है कि इन सरकारी अस्पतालों का हर साल ऑडिट किया जाता था और फीस और जांच की दरों में वृद्धि को लेकर हर साल रिपोर्ट पेश की जाती थी, लेकिन पिछले 8 सालो से किसी भी प्रकार की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। इसीलिए अब सरकार ने निर्णय लिया है कि पिछली सभी ऑडिट रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए इस बार दरों में वृद्धि की जाएगी। इस बारे में 20 नवंबर को सरकार की तरफ से अध्यादेश भी जारी किया गया है।
BPL कार्ड वाले होंगे बाहर
यह बढ़ी हुयी दरें मात्र उनके लिए हैं जिनके पास BPL कार्ड नहीं हैं यानि जो गरीबी रेखा से ऊपर हैं।
डॉ. शीनगारे ने कहा कि इन सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले लगभग 70 फीसदी मरीज गरीब होते हैं इनके पास BPL कार्ड होता है और इनका इलाज मुफ्त किया जाता है। यह बढ़ी हुई दरें उन 30 फीसदी लोगों के लिए ही है जो गरीबी रेखा से ऊपर आते हैं।
इतनी होंगी दरों में वृद्धि
जांच | पुरानी दर | नई दर |
रजिस्ट्रेशन | 10 | 20 |
खून की जांच | 30 | 250 |
ECG | 30 | 70 |
CT स्कैन | 350 | 350/700 |
सोनोग्राफी | 100 | 120/700 |
MRI | 1600 | 2 से 3 हजार |