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सोसायटी में अगर बनाना है कोरोना केंद्र तो इन नियमों का करना होगा पालन

इस गाइड लाइन के अनुसार , इमारतों में कोरोना संबंधी उपचार हो सके ऐसी चिकित्सा व्यवस्था करनी होगी ।

सोसायटी में अगर बनाना है कोरोना केंद्र तो इन नियमों का करना होगा पालन
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मुंबई और आसपसा के  इलाको में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अब इन इलाको में अस्पतालों में जगहों सी भी कमी होने लगी है। लिहाजा कई सोसायटी और रहिवासी संघ ने सरकार से सोसाटी परिसर में ही कोरोना के इलाज के लिए एक केंद्र बनाने की पेशकश की थीष जिसपर अब केंद्र सरकार की ओर से दिशा निर्देश जारी किये गए है। इस गाइड लाइन के अनुसार , इमारतों में कोरोना संबंधी उपचार हो सके ऐसी चिकित्सा  व्यवस्था करनी होगी । 

इस दिशा निर्देश के परिपत्र में विस्तृत रूप से कौन कौन से उपकरण, खाटो के साथ, ऑक्सिजन एवम् प्राथमिक सर्व चिकित्सा व्यवस्था करनी होगी । 

  • 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, पहले ही किसी बीमारी से ग्रस्त व्यक्ती, गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष की आयु तक के बच्चे केवल घर पर रहे और आगंतुकों / मेहमानों के साथ कम से कम  संपर्क बनाए रखने की कोशिश करें
  • जहां तक संभव हो कम से कम 6 फीट की शारीरिक दूरी का पालन किया जाना चाहिए
  •  फेस कवर / मास्क का उपयोग अनिवार्य
  • अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र (कम से कम 20 सेकंड के लिए) का उपयोग किया जा सकता है
  • टिशू / रूमाल / फ्लेक्स्ड एल्बो और के साथ खांसते / छींकते समय मुंह और नाक पर उपयोग किए गए रुमालों या किसी भी अन्य सामानों की ठिक से निपटारा किया जाना चाहिये। 
  • थूकना सख्त वर्जित होगा
  • AarogyaSetu ऐप के उपयोग सभी को सलाह
  • कोई भी कोरोना का मरीज मिलने पर तुरंत ही सोसयाटी द्वारा सैनिटाइजेशन का काम कराया जाए।
  • सोसयाटी के गेट के प्रवेश पर सैनिटाइजर डिस्पेंसर लगाया जाए
  • आगंतुकों / कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग प्रवेश द्वार पर की जानी चाहिये
  • इसके साथ ही अगर सोसायटी में कोरोना केंद्र बनान है तो आक्सीजन मीटर और बेड का बंदोबस्त होना जरुरी, इसके साथ ही सोसायटी के सदस्यों को लगातार प्रशासन के द्वारा नियुक्त किये गए डॉक्टरों की निगरानी में रहना होगा। 

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