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शहर से लुप्त होती टीबी!


शहर से लुप्त होती टीबी!
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टीबी के मरीजों को आमतौर पर टीबी अस्पताल में ही भर्ती कराया जाता है। वर्तमान में मुंबई में 273 डीओटी केंद्र और आठ दवा प्रतिरोधी टीबी केंद्र हैं। इसलिए कई रोगियों को डीओटी केंद्रों में इलाज मिलता है। केवल, 10 फीसदी से 20 फीसदी टीबी रोगियों को टीबी अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। बीएमसी के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी पदमजा दीपक केसकर ने कहा, पिछले साल साल जहां 80% से 9 0% फीसदी टीबी के मरीज भर्ती हुए थे अब यह आंकड़ा गिरकर 70% हो गया है।


डैडी की बेटी ने मांगा अस्पताल

वहीं नगरसेवक गीता गवली की मांग है कि शिवड़ी में एक और टीबी का अस्पताल खोला जाए, ताकि टीबी के मरीजों को कहीं भटकना ना पड़े। आपको बता दें कि गीता गवली मुंबई के मशहूर गैंगस्टर अरुण गवली की बेटी हैं। अरुण गवली को डैडी के नाम से भी जाना जाता है। डैडी नाम से एक फिल्म भी बन रही है। जिसमें अर्जुन रामपाल डैडी का किरदार निभा रहे हैं। यह फिल्म अरुण गवली के जीवन पर आधारित है। फिलहाल अरुण गवली जेल में हैं।  


घट गई टीबी



गीता की अस्पताल बनाने की मांग को लेकर केसकर का कहना है, नए अस्पताल की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि टीबी के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। पहले से ही पर्याप्त अस्पताल हैं।


मुंबई में टीबी के अस्पताल

  • शिवडी हॉस्पिटल – शिवड़ी
  • डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर हॉस्पिटल - कांदिवली
  • सर्वोदय रुणालयात - घाटकोपर
  • पंडित मदनमोहन मालवीय अस्पताल – गोवंडी


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