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टीकाकरण से जुड़े यह आंकड़े देख कर हैरान रह जाएंगे आप


टीकाकरण से जुड़े यह आंकड़े देख कर हैरान रह जाएंगे आप
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देश में कोरोना (covid19) से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र (Maharashtra) का भी नाम रहा है। इस राज्य में कोरोना के काफी केस सामने आए तो कई लोगों की मौत भी हुई।

हाल ही में महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक अध्ययन किया। जिसके कई परिणाम चौकानें वाले हैं।

परिणाम के अनुसार, 95% मरने वाले कोविड मरीज़ों ने कोरोना का टीका नहीं लगवाया था। और मरने वाले 88% ऐसे थे जिन्होंने केवल पहली डोज़ ली थी। हालाँकि मरने वालों में 12% लोगों ने कोरोना (coronavirus) की दोनो डोज़ ली थी।

एक रिपोर्ट के मुताबिक कोविड का टीका न लगवाने वाले मरीज़ों की मृत्यु दर 35.20% है तो वहीँ टीका लगवाने वाले मरीज़ों की डेथ रेट 13.71% है।

महाराष्ट्र सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग और डायरेक्टोरेट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रीसर्च की ये विश्लेषण रिपोर्ट, बताती है कि, बीते दो महीने के इस अध्ययन में पता चलता है कि सरकारी अस्पतालों में भर्ती क़रीब 88% लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ था। वहीँ कोविड से मरने वाले क़रीब 95% लोगों ने टीका नहीं लिया था।इसी के साथ 5% मरने वाले टीका ले चुके थे। तो वहीँ टीका लेने के बाद मरने वालों में 88% ने सिर्फ़ पहली डोज़ ली थी और क़रीब 12% लोगों ने दोनो डोज़ ली थी।

इसी के साथ कोविड मरीज़ों में 77% ने पहली डोज़ ली थी और क़रीब 23% ने दोनों डोज़ ली थी। जबकि मरने वालों में 68% कोविड मरीज़ 60 साल से ऊपर के थे और 63% को अन्य दूसरी बीमारी भी थी।

और जिन मरीजों ने वैक्सीन (vaccine) की एक भी डोज नहीं लिया था तो ऐसे लोगों की मृत्यु दर 35.20% है। जबकि टीका लगवाने के बाद भी करीब 13.71% मरीज ऐसे हैं जिनकी मौत हुई।

यह अध्ययन इस साल 11 मई से 12 जुलाई के बीच सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भर्ती 15,202 कोविड मरीज़ों पर हुआ है।

मुंबई के सायन अस्पताल के डीन का कहना है कि, टीका लेने के बावजूद मरने वाले ज़्यादातर दूसरी बीमारी के कारण दम तोड़ रहे हैं।

इन तमाम अध्ययनों से पता चलता है कि, टीका लगवाना ही श्रेयस्कार रहेगा।

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