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मॉडेल प्रिस्किप्शन की ऐसी की तैसी


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मुंबई - डॉक्टर साफ सुथरे अक्षर में कैपिटल लेटर में प्रिस्किप्शन लिखें और उस पर रोगी समेत डॉक्टर की संपूर्ण जानकारी लिखी होनी चाहिए और साथ ही दवाई का नाम भी लिखा जाना चाहिए। पर डॉक्टर इसको फॉलो नहीं करते हैं जिसकी वजह से लोगों की जान खतरे में है।
राज्य सरकार ने प्रिस्क्रिप्शन कानून के तहत जिम्मेदारी FDA व IMC पर डाली तो डॉक्टरों पर डर होगा। इस तरह का विचार महाराष्ट्र मेडिकल कौन्सिल ने व्यक्त किया है। साथ ही कुछ डॉक्टरों का कहना है कि मरीज की अपेक्षा डॉक्टरों में जनजागृति की नितांत आवश्यक्ता है।
एफडीएन दो साल पहले गाईडलाईन्स रखी थी पर राज्य सरकार ने इसे नजरअंदाज किया था। अब राज्य सरकार इस पर कब कठोर बनती है यह देखना होगा।

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