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विश्व एड्स दिवस विशेष – मुंबई में घट रही है एड़्स के मरीजों की संख्या

मुंबई जिला एड्स प्रतिबंध और नियंत्रण द्वारा बार-बार जन जागरूकता अभियान के कारण मुंबई में एड्स के मरीजों की संख्या में दर्ज गिरावट एक अहम कारण माना जा रहा है।

विश्व एड्स दिवस विशेष – मुंबई में घट रही है एड़्स के मरीजों की संख्या
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1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। एड्स और एचआईवी एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही लोग डर से जाते है। माना जाता है की एड्स अगर अपने अंतिम चरण में हो तो उसका इलाज करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन मुंबईकरो में अब इस बीमारी की संख्या घटती ही जा रही है।

पिछलें ६ सालों में आई कमी
पिछले 6 वर्षों में मुंबई में एचआईवी रोगियों का प्रतिशत कम हुआ है। 2010-11 और 2016-17 के बीच छह वर्षों में, मुंबई में एचआईवी रोगियों में 56 प्रतिशत की गिरावट आई है। मुंबई जिला एड्स प्रतिबंध और नियंत्रण द्वारा बार-बार जन जागरूकता अभियान के कारण मुंबई में एड्स के मरिजों की संख्या में दर्ज गिरावट एक अहम कारण माना जा रहा है। यह तस्वीर निश्चित रूप से 2017 विश्व एड्स दिवस के दिन एक आशावादी तस्वीर साबित होगी।

क्या कहना है आकड़ो का

2010-11 में मुंबई में 14,291 रोगियों को एचआईवी से पीड़ित पाया गया था, तो वही अब 2016-17 में इस साल 6,718 मरीज़ एचआईवी से पीड़ित पाये गए है। हालांकि, अक्टूबर में केवल 3,870 एचआईवी संक्रमित मरीजों की सूचना मिली है, जिसकी जानकारी मुंबई जिला एड्स नियंत्रण सोसायटी की अतिरिक्त प्रकल्प संचालिका डा. श्रीकला आचार्य ने दी है।

गर्भवती महिलाए कम संक्रमित

मुंबई में पिछलें साल गर्भवती महिलाओं में भी एचआईवी का संक्रमिता कम पाई गई है। 2010-11 में कुल 466 गर्भवती मरीज़ पंजीकृत किए गए थे 2016-17 में, केवल 162 गर्भवती महिला मरीज़ पंजीकृत है। इसका मतलब है कि 6 सालों में गर्भवती महिलाओं में एचआईवी संक्रमण की संख्या में 65% की कमी आई है।

महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक रोगी
15 से 49 वर्ष आयु वर्ग के पुरुषों में से 79 प्रतिशत पुरुष, और 36 प्रतिशत महिलाओं को एचआईवी से संक्रमित पाया गया है। असुरक्षित शारिरीक संबंध के कारण 93 प्रतिशत लोगों को इस बीमारी से जुझना पड़ रहा है। 3.7 प्रतिशत मामलों में बच्चे को माता द्वारा यह बीमारी मिली है।

कैसे करें एड्स से बचाव?

  • एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संभोग ना बनाए
  • एचआईवी संक्रमित व्यक्ति से रक्त ना ले
  • इंजेक्शन में गनेवाली सुईयों का इस्तेमाल एक से अधिक बार ना करें

क्या है लक्षण

  • वजन में 10 प्रतिशत से अधिक की कमी
  • लगातार सामान्य बुखार, रात पसीना (1 महीने से अधिक तक)
  • लगातार जुलाब होना और दवा लेने पर भी ठिक ना होना
  • 3 महीने से अधिक समय तक लिम्फ ग्रंथि में सूजन
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