पिछले कई वर्षों से लंबित पत्राचाल( Goregaon patrachawl) का मुद्दा आखिरकार सुलझा लिया गया है और मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एवं सांसद शरद पवार की अपस्थिती में महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (mhada)गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर (पत्राचाल) पुनर्विकास परियोजना का शिलान्यास किया गया। इस मौके पर पर मुख्यमंत्री ने पत्राचाल की जनता से अपील की है की जो घर उन्हे कई सालो के संघर्ष से मिल रहे है उन्हे वह ना बेचे।
पत्राचाल वासियों को तीन साल में सौंपे जाएंगे घर- आवास मंत्री डॉ. जितेंद्र आव्हाड
कार्यक्रम में बोलते हुए राज्य के गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा की "अगर कोरोना संकट के लिए नहीं होता, तो परियोजना को पहले शुरू किया जाता, हालांकी आनेवाले तीन सालो में इस परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा, म्हाडा ने अपनी जमीन किसी को नहीं देने का फैसला किया और इसे खुद विकसित करने का फैसला किया, पत्राचार के मुद्दे को सुलझाने के लिए लगभग 42 बैठकें कीं गई"।
500 छात्रों की क्षमता वाला छात्रावास जल्द
इसके साथ ही मंत्री जितेंद्र आव्हाण ने घोषणा की कि कोरोना के समय में किए गए सामाजिक कार्यों के सम्मान में, 500 छात्रों की क्षमता वाला एक छात्रावास जल्द ही मध्य मुंबई में स्थापित किया जाएगा।
म्हाडा सिद्धार्थ नगर (पत्राचाल) गोरेगांव पुनर्विकास परियोजना के बारे में
गोरेगांव वेस्ट, मुंबई में म्हाडा भूमि पर सिद्धार्थनगर को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी (पत्राचल) पुनर्विकास परियोजना के 672 मूल किरायेदारों के लंबित फ्लैटों के निर्माण की समस्या का समाधान किया जाएगा। पुनर्विकास परियोजना के माध्यम से 672 मूल मंजिल धारकों को 650 वर्ग फुट कालीन क्षेत्र का फ्लैट मिलेगा। म्हाडा खुद इस पूरे प्रोजेक्ट पर बतौर डिवेलपर काम कर रहा है।
लंबित फ्लैटों की निर्माण योजना की मुख्य विशेषताएं-