बिल्डरों की ओर से ग्राहको को फंसाने के मामलों को रोकने के लिए राज्य सरकार ने महारेरा कानून की स्थापना की, जिसके बाद अब सहकारी गृहनिर्माण सोसायटियों में विवाद औऱ समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार हाउसिंग सोसायटी रेग्युलेटरी अथॉरिटी की स्थापना करने जा रही है। सरकार इस कानून को रेरा के आधार पर ही बनाएगी।
कॉ- ऑपरेटीव एक्ट 1960 लागू
सहकारी गृहनिर्माण सोसायटी में कॉ- ऑपरेटीव एक्ट 1960 लागू किया गया है। इस कानून को सहकारी बैंक और शक्कर के कारखानों के लिए तैयार किया गया था। इस कानून में कई खामियां होने के कारण सहकारी गृहनिर्माण सोसायटी को इसका खामियाजा उठाना पड़ता है। जिसे देखते हुए सरकार ने अब सहकारी गृहनिर्माण सोसायटी के लिए एक नया कानून लाने की मांग की है।
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संदीप देशमुख के नेतृत्व में बनी टीम
हाउसिंग सोसायटी रेग्युलेटरी अथॉरिटी की स्थापना के लिए एक स्वतंत्र समिती का गठन किया। झोपडपट्टी पुनर्विकास प्राधिकरण के सचिव संदीप देशमुख के नेतृत्व में बनी एक टीम ने हाउसिंग सोसायटी रेग्युलेटरी अथॉरिटी बनाने का प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव को राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है। जिसे राज्य सरकार ने सकारात्मक प्रतिसाद दिया है।
समिती के सदस्य रमेश प्रभू ने मुंबई लाइव से बात करते हुए कहा की हाउसिंग सोसायटी रेग्युलेटरी अथॉरिटी की स्थापना जल्द से जल्द होने की आशंका है।