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शहरों में ठोस कचरा प्रबंधन की समस्या का जल्द होगा समाधान

राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने जानकारी दी कि सरकार ने शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए स्थान प्रदान करने का निर्णय लिया है।

शहरों में ठोस कचरा प्रबंधन की समस्या का जल्द होगा समाधान
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बढ़ता शहरीकरण ठोस  (Solid waste) अपशिष्ट प्रबंधन की समस्या को जटिल बना रहा है।  महाराष्ट्र में कई शहरों की विकास योजनाएं ठप हैं क्योंकि नगर परिषद और नगर पंचायतों के पास ठोस प्रबंधन प्रबंधन के लिए अपना स्थान नहीं है।  राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात (Balasaheb thorat)  ने जानकारी दी कि सरकार ने ऐसे शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए स्थान प्रदान करने का निर्णय लिया है।


 राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि राज्य के कई शहरों में ठोस कचरा एक बड़ी समस्या है।  कई स्थानों पर, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से अक्सर स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों के बीच गंभीर विवाद होते हैं।  कुछ नगरपालिकाओं के पास जगह उपलब्ध नहीं है।  यह सब ठोस कचरा प्रबंधन पर प्रभाव डाल रहा है।  ये समस्याएं राज्य की कई नगरपालिकाओं का सामना कर रही हैं।  परिणामस्वरूप, इन नगरपालिकाओं के विकास के लिए सरकारी धन प्राप्त करने में कठिनाइयाँ आईं।


 

राज्य (Maharashtra) में 150 से अधिक नगर परिषदों ने जिला कलेक्टर को एक प्रस्ताव भेजकर सरकार से जगह उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था।  इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अब जिला कलेक्टर को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए स्थान प्रदान करने का अधिकार दिया है।  इस निर्णय से नगर पालिकाओं और नगर परिषदों की बड़ी समस्या को हल करने में मदद मिलेगी।


 नगरपालिकाओं में बढ़ती जनसंख्या, औद्योगीकरण, उत्पन्न कचरे की मात्रा बढ़ रही है और विभिन्न समस्याएं पैदा होती हैं।  कचरा शहर में ही जमा हो जाता है, और यदि कचरे का सही तरीके से निपटान नहीं किया जाता है, तो यह अस्वास्थ्यकर स्थिति, बीमारी, प्रदूषण और पर्यावरणीय गिरावट का कारण बन सकता है।  बालासाहेब थोरात ने कहा कि अब अंतरिक्ष की मुख्य समस्या को दूर कर दिया जाएगा, इससे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में मदद मिलेगी।

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