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निविदा में वर्ली नदारद


निविदा में वर्ली नदारद
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मुंबई - म्हाडा मुंबई मंडल की ओर से शुक्रवार को प्रसिद्ध होने वाली बीडीडी चॉल के पुनर्विकास की निविदा पर सबकी नजर टिकी हुई थी। मंडल ने शुक्रवार को बीडीडी निर्माण काम के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निविदा निकाली। पर इस निविदा में सिर्फ डिलाईड रोड स्तिथ 35 इमारत और नायगांव की 42 इमारतों को शामिल किया गया है। बीडीडी में सबसे बड़ी और प्राईम सोसायटी वर्ली है। वर्ली को साइड कर निविदा निकालने से आश्चर्य का माहौल है।
वर्ली के लिए मंडल की ओर से नियुक्त की गई आर्किटेक्ट के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज है। इसकी वजह से वर्ली के लिए निविदा नहीं निकाली गई है, यह समिति ने स्पष्ट किया है। इस संदर्भ में म्हाडा उपाध्यक्ष संभाजी झेंडे का कहना है कि आर्किटेक्ट का मामला तो है हि साथ ही इसके अलावा अनेक तकनीकि अड़चनों व अन्य परमीशन ना मिलने की वजह से निविदा नहीं निकाली गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि वर्ली की तकनीकि अड़चनों को दूर करने के लिए काम शुरु है, कुछ ही दिनों में वर्ली के लिए निविदा निकाली जाएगी।
रहिवासियों को विश्वास में लेकर मांगों के मुताबिक पुनर्विकास करने का आश्वासन सरकार ने दिया। पर प्रत्यक्ष रूप से म्हाडा सिर्फ रहिवासियों को अंधेरे में रखकर पुनर्विकास की प्रक्रिया को अंजाम दे रही है, इस तरह का आरोप अखिल बीडीडी चॉल के किराएदार हक संरक्षण समिति के पदाधिकारी किरण माने ने लगाया

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